जम्मू। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में भारत या तिरंगे का विरोध कोई नहीं कर सकता और केंद्र के सहयोग से हम केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के परितंत्र के खात्मे की दिशा में काम कर रहे हैं।
उपराज्यपाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी बताया कि कोविड-19 के मामलों में गिरावट को देखते हुए दो हफ्तों के अंदर शिक्षण संस्थानों को फिर से खोला जाएगा।
उन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपनी जान देने वाले जम्मू कश्मीर के जवानों के परिजनों के लिये अनुग्रह राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की भी घोषणा की। सिन्हा ने कहा कि देश के हितों को नुकसान पहुंचानेकी कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में अब भारत या राष्ट्रीय ध्वज के विरोध के लिए कोई जगह नहीं है। जो कोई भी आपत्ति उठाने की कोशिश करेगा, उसके साथ संविधान के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।” उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधियों में उल्लेखनीय गिरावट आई है और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने के प्रयास जारी है।
उपराज्यपाल ने कहा, “पिछले ढाई महीनों में, आतंकवाद के खिलाफ अभियान में कई विदेशी आतंकवादी मारे गए। मैंने कई बार कहा है कि यह एक पारिस्थितिकी तंत्र है। आतंकवादी किसी के कहने पर निर्दाेषों को मार रहे हैं या ग्रेनेड फेंक रहे हैं। कोई उन्हें साजो-सामान प्रदान कर रहा है और उन्हें गुमराह कर रहा है और उकसा रहा है।”
उन्होंने कहा, “आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी है, आतंकी भर्ती में नियंत्रण और कमी लाने और युवाओं को रोजगार देने की कोशिशें भी की जा रही हैं। हम आतंकवाद के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने के लिए काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली बनाई गई थी कि जम्मू-कश्मीर या केंद्र के खजाने से एक पैसा भी आतंकवाद से जुड़े व्यक्ति के पास न जाए। उन्होंने कहा, “हम इस पर काम कर रहे हैं और इस संबंध में हमें काफी सफलता मिली है।
उन्होंने कहा, “जिस दिन यहां के लोग हरियाणा और भुवनेश्वर में अपने समकक्षों की तरह रहना शुरू कर देंगे, लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा… लक्ष्य बड़ा है लेकिन हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और मासिक आधार पर इसकी समीक्षा कर रहे हैं।” पूर्व के साथ मौजूदा स्थिति की तुलना करते हुए, उपराज्यपाल ने कहा, “जम्मू कश्मीर में एक जादुई बदलाव आया है। पथराव इतिहास बन गया है और दुकानदार अब डर के मारे अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर नहीं हैं। दुकानदार मुझे बता रहे हैं कि उन्होंने ऐसे सुनहरे दिन नहीं देखे थे।