नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता तेजस्वी सूर्या ने बुधवार को कहा कि समाजवादी विचारधारा के साथ पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों ने वंशवादी शासन जारी रखने के मंसूबों के तहत देश को गरीब बनाए रखा था।
लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सूर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत शासन से पहले देश, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, एक ही परिवार के नियंत्रण में था जिन्होंने अपना शासन बनाये रखने के लिए देश को जानबूझ कर गरीब रखा।
बेंगलुरु दक्षिण से सांसद सूर्या ने कहा, ‘‘वंशवादी शासन के समाजवाद को प्राथमिकता देने और बंद अर्थव्यवस्था बरकरार रखने की वजह यह थी कि वे नहीं चाहते थे कि चुनौती देने वाले आएं और उनके शासन को चुनौती दें।’’ भाजपा सदस्य ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ने की विपक्ष द्वारा छेड़ी गई बहस बेबुनियाद एवं तर्कहीन है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और इसके वंशवादी नेता अपनी राजनीतिक बेरोजगारी को देश की बेरोजगारी समझ कर भ्रमित हो रहे हैं।’’ सूर्या ने कहा, ‘‘यदि इस देश में कोई बेरोजगार है तो वो कांग्रेस के युवराज हैं, कांग्रेस के वंशज हैं।’’
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘दो हिंदुस्तान’ वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘हां, दो भारत हैं, लेकिन एक (केंद्र में) मोदी के (नेतृत्व में भाजपा के सत्ता में) आने से पहले का, और दूसरा 2014 के बाद का।’’
राकांपा की सुप्रिया सुले ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए परिवारवादी राजनीति पर सूर्या को जवाब दिया और सवाल किया कि ‘‘उनके एवं कर्नाटक से भाजपा विधायक रवि सुब्रमण्यम के बीच क्या संबंध है।’’
उन्होंने भाजपा सदस्यों प्रीतम मुंडे, पूनम महाजन, हीना गावित, रक्षा खडसे, एस विखे पाटिल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम लिया।
सुले ने कहा, ‘‘उन लोगों से मैं इस मामले में समान हूं कि हम सभी का जन्म राजनीतिक परिवारों में हुआ है। राजनीतिक परिवार में जन्म लेने पर मुझे गर्व है। ’’
उन्होंने विप्रो, इंफोसिस, किर्लाेस्कर, कल्याणी समूह, पूणावाला समूह सहित अन्य उद्योग घरानों का भी जिक्र किया, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सरकार आने से पहले अपना कारोबार शीर्ष पर पहुंचाया।