भोपाल। स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर का रविवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही देश में शोक की लहर दौड़ गई लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के शिवाजी पार्क में संपन्न हुआ। इन सब के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंदौर में लता मंगेशकर के नाम से संगीत अकादमी स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संगीत महाविद्यालय भी होगा जहां बच्चे शुरू की साधना कर सकेंगे और संग्रहालय भी स्थापित होगा जिसमें उनके सभी गीत उपलब्ध रहेंगे। आपको बता दें कि लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में ही हुआ था और वह इंदौर आया भी करते थीं।
इससे पहले शिवराज ने आज स्मार्ट सिटी पार्क में भारत रत्न स्वर कोकिला स्वर्गीय लता दीदी की स्मृति में संगीत एवं गायन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले भोपाल के प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ वट का पौधा रोपित किया। अपने बयान में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लता दीदी का जाना, करोड़ों भारतीयों की अनुभूति है कि उनकी व्यक्तिगत क्षति हुई है। उनके गीत हम सभी के जीवन में नव उत्साह और ऊर्जा का संचार करते थे। मेरे स्वयं के जीवन में ऐसी रिक्तता आई है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इंदौर में लता जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। लता जी मात्र संगीत जगत की रोशनी नहीं थीं, बल्कि देशभक्ति का भी ऐसा हस्ताक्षर थीं, जिनसे पूरा देश प्रेरणा प्राप्त करता था। उनके जन्मदिन पर लता मंगेशकर पुरस्कार दिया जाएगा।
इससे पहले लता मंगेशकर के निधन पर शिवराज ने शोक जताते हुए कहा कि स्वर कोकिला आदरणीय लता मंगेशकर जी नहीं रहीं। स्वर के महायुग का अंत हो गया। लता दीदी आपके बिना यह देश सूना है, गीत-संगीत सूने हैं, हर घर सूना है, ह्रदय घट सूना है। आपकी कमी कभी कोई पूरी नहीं कर सकता। गीत-संगीत की देवी मानकर आप की पूजा करते रहेंगे। लता दीदी के चरणों में प्रणाम। उन्होंने काह कि स्वर साम्राज्ञी, परम श्रद्धेय लता मंगेशकर जी के निधन से अन्तर्मन दुख, पीड़ा, शोक से व्यथित है। देश ही नहीं, समूचे विश्व ने एक ऐसी स्वर साधिका को खो दिया, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से जीवन में आनंद घोलने वाले असंख्य गीत दिए। लता दीदी का तपस्वी जीवन स्वर साधना का अप्रतिम अध्याय है।