चमोली। समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत जिला बाल सलाहकार बोर्ड की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाने, रेस्क्यू किए गए बच्चों की शिक्षा, विकास एवं देखभाल के लिए बेहतर कार्य करने और चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 का व्यापक प्रचार प्रसार करने पर जोर दिया।
जिलाधिकारी ने बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत सरकारी विभाग, स्वयं सेवी संस्थाएं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को बाल संरक्षण के लिए तत्परता से कार्य करने की बात कही। ताकि बच्चों को उनके मूल अधिकार प्राप्त हो सके। उन्होंने बाल अधिकारों के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाकर बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत करने तथा बाल सुरक्षा कार्यो का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। बोर्ड के सदस्यों को सार्वजनिक स्थलों जैसे शिक्षण संस्थाओं, आंगनबाडी केंद्रों, कार्यस्थलों, व्यावसायिक वाहनों, टैक्सी यूनियन के कार्यालय एवं टैक्सी स्टैंड पर चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर चस्पा करने के निर्देशि दिए। कहा कि कोविड से बचाव के लिए वितरित की जा रही माइक्रो न्यूट्रिएटंस किट के माध्यम से भी हेल्पलाइन नंबर का प्रचार प्रसार करें। जिले में बाल गृह भवन निर्माण हेतु भूमि चिन्हित करते हुए इसका प्रस्ताव विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं बीआरओ से किसी भी अधिकारी के मौजूद न रहने संबधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। इस दौरान बाल सुरक्षा के लिए तमाम सुझावों पर भी चर्चा की गई।
हिमाद समिति की जिला समन्वय प्रभा रावत ने अवगत कराया कि चाइल्ड लाइन सेवा 1098 के तहत 0 से 18 वर्ष तक के गरीब, अनाथ, दिब्यांग, शोषण एवं हिंसा इत्यादि से पीडित बच्चों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इस साल जनवरी से अब तक 256 मामले चिन्हित किए गए है। जिसमें चिकित्सा के 18, बाल श्रम के 42, भीख मांगने वाले बच्चे 10, यौन शोषण, उत्पीड़न व दुर्ब्यवहार के 6, बाल विवाह का 1, स्पांन्सरशिप के 173, लापता के 2 तथा नशा खोरी के 4 मामले शामिल है। चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा इन सभी मामलों में सुरक्षात्मक कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए जिले में 83 बच्चों को चिन्हित किया है।