देहरादून। सरकार में रहते हुए चुनावों का सामना करने जा रही भाजपा ने 2017 में जीते 20 फीसदी विधायकों का टिकट काट दिया है। इसके अलावा पार्टी के तीन विधायक खुद चुनावी मैदान से बाहर हुए हैं, जबकि तीन अन्य ने पार्टी बदल दी है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रिकॉर्ड 57 सीटों पर जीत हासिल की थी। चुनाव आते-आते भाजपा के सदस्यों की संख्या दल बदल और निधन के चलते 55 रह गई थी।
इन 55 विधायकों में से पार्टी ने 11 विधायकों को इस चुनाव में टिकट नहीं दिया है, इसमें पुरोला में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर, कुछ माह पूर्व भाजपा में शामिल होने वाले राजकुमार भी शामिल हैं। यह संख्या भाजपा के एक्टिव सदस्यों की 20 फीसदी बैठती है। इसके अलावा पार्टी के तीन विधायकों पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन और हरभजन सिंह चीमा अलग-अलग कारणों से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इसमें चीमा और चैम्पियन के परिवार में उनकी जगह टिकट दिया गया है। जबकि पूर्व मंत्री यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत और संजीव आर्य खुद पार्टी से किनारा कर गए हैं। टिकट काटने के बाद भी बीजेपी दावा कर रही है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में जीत दर्ज कर सरकार बनाएगी।
2017 में जीते भाजपा के छह सदस्यों का भी इस बीच निधन हुआ है। इसमें प्रकाश पंत, मगन लाल शाह, सुरेंद्र सिंह जीना, गोपाल रावत और हरबंस कपूर शामिल हैं। इसमें से पार्टी स्वर्गीय प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत और सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना को पहले ही विधायक बनवा चुकी है। इन दोनों को फिर चुनाव में उतारा गया है, इसी तरह अब स्वर्गीय हरबंस कपूर की पत्नी सरिता कपूर को भी टिकट दिया गया है। जबकि स्वर्गीय मगन लाल की पत्नी मुन्नी देवी शाह को एक बार मौका देकर अब टिकट से वंचित कर दिया गया है। भाजपा से जिनका टिकट कटा उनमें मुन्नी देवी, सुरेंद्र सिंह नेगी, धन सिंह नेगी, देशराज कर्णवाल, मुकेश कोली, मीना गंगोला, बलवंत भौर्याल, महेश नेगी, रघुनाथ सिंह चैहान, नवीन दुम्का, राजकुमार शामिल हैं।