भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री इमरती देवी इन दिनों अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उन्हें हार का सामना इसलिए करना पड़ा क्योंकि उन्होंने पार्टी बदल ली थी। उन्होंने अपने इसी बयान पर अगले दिन सफाई तो दी लेकिन साथ में यह भी कहा कि हम बीजेपी की बात क्यों करें हम तो महाराज के साथ थे।
दरअसल ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इमरती देवी ने बीजेपी को हार का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पार्टी बदली इसलिए हार गई। इमरती ने इससे पहले कहा कि लोकसभा और विधानसभा को छोड़कर हमें पुरुषों के साथ 50 परसेंट आरक्षण मिला है। लेकिन जब हम पुरुषों के साथ काम करेंगे तो 50 परसेंट तो पूरा कर ही लेंगे लेकिन 2-4-10 परसेंट हम पुरुषों में से भी ले लेंगे।
उन्होंने कहा कि पुरुषों की सीट पर हम चले जाते हैं तो पुरुषों से भी छीन लेते हैं। हम 2004 में जिला पंचायत सदस्य बन गए थे और 2008 से अब तक विधायक रहे हैं, अब बीच में हम हार गए, क्योकि पार्टी बदल ली थी ना इसलिए, नहीं तो हमें कोउ नहीं हरा पाते।
वहीं पूर्व मंत्री इमरती देवी से पूछा गया कि पार्टी बदलने के चलते आपको हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद इमरती देवी ने कहा कि ‘‘मैं कांग्रेस में क्यों रहती जहां महाराज थे वहीं चली गई। हमारी तो जिंदगी उन्हीं के लिए है। चुनाव हार गए तो क्या हुआ फिर जीतेंगे प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक चुनाव हार जाते हैं। जनता में हमारी कुछ कमी रह गई होगी उसे पूरा करेंगे और 2023 में फिर से चुनाव जीतेंगे।
उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी और कहा कि हारने के बाद भी मुझे कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। 2023 में चुनाव फिर लड़ेंगे और जीतेंगे। इमरती देवी के बयान पर बीजेपी ने कहा उनके के बयान का आशय था कि बीजेपी में उनका कद बढ़ा है। कैबिनेट का दर्जा भी प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही इमरती के महाराज के साथ बताने वाले बयान को बीजेपी ने व्यक्तिगत आस्था कहा। बीजेपी ने कहा व्यक्तिगत आस्था दिल से बनी रहती है।