नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आज इसकी जानकारी दी गई। इसके साथ ही इन पांचों राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गया। पांचों राज्यों के चुनाव 7 फेज में में होंगे। पहला चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा। गोवा, पंजाब और उत्तराखंड में एक चरण में चुनाव। होंगे जबकि उत्तर प्रदेश में 7 पेज में चुनाव कराए जाएंगे। 14 फरवरी को दूसरे चरण का मतदान होगा। दूसरे चरण में ही गोवा, उत्तराखंड और पंजाब में चुनाव होंगे। 20 फरवरी को तीसरे चरण का चुनाव होगा। 23 फरवरी को चैथे चरण के लिए मतदान डाले जाएंगे। मणिपुर में दो चरणों में चुनाव होंगे। पांचवें चरण के मतदान 27 फरवरी को होगा। छठे चरण का मतदान 3 मार्च को होगा। 27 फरवरी और 3 मार्च को मणिपुर में चुनाव होंगे। आखरी चरण के चुनाव 7 मार्च को कराए जाएंगे। 10 मार्च को सभी राज्यों के चुनावी नतीजे आएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि कोरोना नियमों के साथ चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची 5 जनवरी को प्रकाशित हुई थी। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में 18.3 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन दाखिल करने का विकल्प भी दिया जाएगा।
इसके साथ ही चुनाव आयोग की ओर से यह भी कहा गया कि 24.9 लाख मतदाता इस बार पहली बार वोट डालेंगे। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि इस बार महिला वोटरों की भागीदारी बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश में 29ः मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पोलिंग बूथ ग्राउंड फ्लोर पर ही रहे। पोलिंग स्टेशन में 16 फीसदी की वृद्धि की गई है। कुल 215368 पोलिंग स्टेशन होंगे।हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केंद्र ऐसा होगा जो विशेष रूप से महिला कर्मियों द्वारा संचालित किया जाएगा ताकि महिला मतदाताओं को प्रोत्साहित किया जा सके। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन दाखिल करने का विकल्प भी दिया जाएगा।
सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, विकलांग व्यक्ति और ब्व्टप्क्19 रोगी डाक मतपत्र द्वारा मतदान कर सकते हैं। सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव आयोग ने चुनाव के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट सुनिश्चित करने के लिए पहले ही व्यवस्था कर ली है। सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य है कि वे मतदान उम्मीदवारों के रूप में चुने गए लंबित आपराधिक मामलों वाले व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। उम्मीदवार के चयन के लिए उन्हें कारण भी देना होगा।