भोपाल। मध्य प्रदेश में बच्चों की वैक्सीनेशन को लेकर सरकार से लेकर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। भिंड जिले में 15-18 वर्ष वर्ग के छात्रों के टीकाकरण में सहयोग ना करने और कौताही बरतने पर एक स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाही की गई है। टीकाकरण में लापरवाही के चलते किसी स्कूल पर की जाने वाली प्रदेश में पहली कार्रवाही है।
दरअसल भिंड प्रशासन की ओर से भी पूर्व में जिले के सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों को निर्देश जारी कर 15-18 वर्ष के छात्रों की जानकारी और उनको टीकाकरण के लिए सूचित किए जाने सम्बंधित दिशा निर्देश जारी किए थे। टीकाकरण अभियान को सरकार और प्रशासन कितना संजीदा है। इस बात का अंदाजा भिंड जिले में हुई कार्रवाही को लेकर किया जा सकता है।
आपको बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारें कोविड-19 के खतरे को देखते हुए टीकाकरण अभियान पर विशेष फोकस किए है। हाल ही में तीसरी लहर में बच्चों पर कोरोना के प्रभाव का खघ्तरा देखते हुए 15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीकाकरण की इजाजत दी गई है। ऐसे में भिंड में कराए जा रहे वैक्सीनेशन को लेकर जिला कलेक्टर ने पाया की सेंट्रल अकैडमी स्कूल के संचालकों द्वारा टीकाकरण के लिए बच्चों को सूचित नही किया गया और ना ही अभियान में रुचि दिखाते हुए बच्चों को बुलाया गया।
वहीं जिसके परिणाम स्वरूप टीकाकरण उम्मीद के अनुरूप नही हो सका। इस लापरवाही पर सखघ््त होते हुए कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल पर कठोर कार्रवाही के निर्देश दिए है। उसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने इस स्कूल की मान्यता को रद्द कर दिया है।
इसी कड़ी में जिला शिक्षा अधिकारी हरिभवन सिंह तोमर ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा का समय है ऐसे में बच्चों पर कोविड के खतरे को देखते हुए टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन सेंट्रल अकैडमी स्कूल ने इसको लेकर घोर लापरवाही बरती है। उन्हें संकुल प्राचार्य से लेकर बीआरसी तक बराबर टीकाकरण के लिए कहा गया लेकिन 152 बच्चों के टीकाकरण में कौताही बरती गयी है। जो बर्दाश्त के बाहर है और इसीलिए यह कठोर कार्रवाही की गई है।