देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने शनिवार को हाई कमान द्वारा पद से हटाए जाने के विषय पर खुलकर बातचीत की। चार साल का कार्यकाल पूर्ण करने के महज 9 दिन पहले ही त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनका इस्तीफा ले लिया गया। इस विषय पर उन्होंने कहा कि जब एक मुख्यमंत्री को पद से हटाया जाता है तो लोगों के लिए सवाल उठाना स्वाभाविक है। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वह पार्टी के फैसलों का पालन करें।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मैंने शुरू में कहा था कि हम भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देंगे। मैंने इस पर दिल से निर्णय लिए और केवल बोला नहीं बल्कि इसे करने का प्रयास भी किया।
उन्होंने कहा कि जब एक मुख्यमंत्री को पद से हटाया जाता है तो लोगों के लिए सवाल उठाना स्वाभाविक हो जाता है। लेकिन पार्टी के हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह पार्टी के फैसलों का पालन करें। जब सवाल उठते हैं तो जवाब देना पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी होती है।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया और प्रदेश की 70 में से 58 सीटों पर कब्जा किया। इसके बाद पार्टी हाई कमान ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया। हालांकि चार साल पूरे होने के महज 9 दिन पहले ही उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद फिर से बैठकों का दौर शुरू हुआ और तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया लेकिन उन्होंने भी चार महीने में ही संवैधानिक अड़चनों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया और पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंप दी।
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Sat Aug 14 , 2021