जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राजौरी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सुरक्षा बलों को सलाह दी कि यदि आतंकवादी किसी के मकान में घुस गये हैं तो उन्हें तुरंत नहीं मारा जाये बल्कि दो दिन का इंतजार किया जाये।
श्रीनगर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने सुरक्षा बलों से केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान संयम रखने के लिए कहा है। राजौरी जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आतंकवाद की तुलना ‘सांप और सीढ़ी‘ के खेल से की और कहा कि आतंक रोधी अभियानों के दौरान आम नागरिकों के मारे जाने से आतंकवाद और बढ़ता है। उन्होंने बाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सुरक्षा बलों को सलाह दी कि यदि आतंकवादी किसी के मकान में घुस गये हैं तो उन्हें तुरंत नहीं मारा जाये बल्कि दो दिन का इंतजार किया जाये।
अमित शाह ने गिनाये 370 हटाने के फायदे
दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने के बाद से कश्मीर में शांति है, वहां व्यवसाय के लिए अच्छा निवेश हो रहा है और पर्यटक आ रहे हैं। ‘एचटी लीडरशिप समिट’ में अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि किसी को विश्वास नहीं था कि अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाया जा सकता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में यह कर दिखाया। शाह ने कहा, “मैं कह सकता हूं कि अब कश्मीर में शांति है, निवेश हो रहा है और पर्यटक आ रहे हैं। धीरे-धीरे कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं और वह देश के साथ एक होकर खड़ा है।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सीमा में घुसना इतना आसान नहीं है। शाह ने कहा कि अब तक इस काम को करने के लिए इजराइल और अमेरिका का ही नाम लिया जाता था लेकिन अब भारत भी उस सूची में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा, “हम सबके साथ शांति चाहते हैं३। हमारी सीमाओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हमने इस संदर्भ में एक स्पष्ट संदेश दिया है।” उन्होंने कहा, “इसके कारण भारत को अब दुनियाभर में एक अलग तरह की स्वीकार्यता मिली है।”