शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना समेत विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण के चलते राज्यसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद आज विपक्षी दलों ने निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया।
नयी दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित होने के बाद बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई। 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा राज्यसभा में गूंजा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन को रद्द करने की मांग की। जिसे सभापति एम वेकैंया नायडू ने सिरे से खारिज कर दिया। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने साफ किया कि अभी देश में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रोन से जुड़ा हुआ एक भी मामला सामने नहीं आया है।
विपक्षी सदस्यों की मांग हुई खारिज
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना समेत विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण के चलते राज्यसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद आज विपक्षी दलों ने निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। जिसे राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सिरे से खारिज कर दिया। जिसके बाद विपक्ष के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया। सभापति ने कहा कि यह निलंबन आसन की ओर से नहीं, सदन की ओर से किया गया है। सभापति ने कहा कि निलंबित सांसदों ने अपने किए पर किसी तरह का पछतावा जाहिर नहीं किया बल्कि अपने किए को उचित ठहराया। मुझे नहीं लगता कि निलंबन रद्द करने की नेता प्रतिपक्ष की अपील विचार करने योग्य है।