देहरादून। उत्तराखंड के एक जाने माने एंटरप्रेन्योर एवं उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति के महासचिव जगदीश भट्ट का कहना है कि उत्तराखंड में बेरोजगारी एवं पलायन के ऊपर अगर ध्यान ना दिया गया तो यह आने वाले भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा संकट साबित हो सकता है। जैसा कि हम सब देख सकते हैं हमारे पहाड़ों में बड़ी संख्या में गांव खाली हो रहे हैं और लोग पलायन कर रहे कर रहे हैं अगर यह निरंतर कुछ सालों तक चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं है जब पहाड़ों के गांव में कोई नहीं बचेगा। पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए हमें वहां पर स्वरोजगार को विकसित करना होगा। हमारी उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति अपनी पूरी शिद्दत के साथ पलायन रोकने का काम कर रही है और प्रयास कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पलायन करने से रोका जाए एवं उन्हें अपने गांव और घरों में ही रोजगार का एक ऐसा साधन विकसित कर दिया जाए जहां पर वे अपना जीवन यापन अच्छे से कर सके और अपने गांव घर को छोड़कर ना जाएं।
हमे यह सुनिश्चित करना है कि कोई एक ऐसा स्वरोजगार का मॉडल विकसित किया जाए जिससे सभी लोगों को रोजगार मिले। उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति अपने “उत्तराखंड बचाओ अभियान के तहत पूरे प्रदेश में युद्ध स्तर पर लोगों को व्यवसायिक खेती के लिए जागरूक कर रहा है और प्रदेश के किसान भाइयों एवं महिलाओं को रोजगार देने के लिए उन्हें हर तरह की मदद मुहैया कर रहा है। जैसा कि हम जानते हैं हमारे उत्तराखंड की जो उपजाऊ भूमि है उसमें अब हमें पारंपरिक खेती के साथ-साथ व्यवसायिक दृष्टि से भी खेती करनी होगी ताकि हमारे किसान भाइयों को उनके उत्पाद का अधिक मूल्य मिल सके एवं उस उत्पाद को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके। व्यवसायिक खेती के रूप में अगर हम बात करें तो हमारे उत्तराखंड के पास अपार संभावनाएं हैं, हमें अब पारंपरिक खेती का जो प्रतिशत है उसमें व्यवसायिक खेती को थोड़ा ज्यादा महत्व देना होगा जिससे हम गेहूं, चावल, दाल एवं हरी सब्जी के साथ साथ मशरूम एवं मसालों की खेती अत्यधिक मात्रा में कर सके एवं निर्धारित भूमि में ही हम अधिक लाभ ले सके।