सिद्धू ने चन्नी के खिलाफ फिर खोला मोर्चा, भूख हड़ताल पर बैठने की दी घमकी

Prashan Paheli

एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू ने और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच ठन गई है। अपनी ही सरकार को चेतावनी देते हुए सिद्धू ने यह तक कह दिया कि अगर ड्रग्स रिपोर्ट जारी नहीं की गई तो वह भूख हड़ताल पर वह भी अपनी ही सरकार के खिलाफ बैठ जाएंगे।

चंडीगढ़। अमरिंदर सिंह को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद कांग्रेस पंजाब में लगातार डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। अमरिंदर के नाराजगी के बावजूद भी सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी गई। सिद्धू और अमरिंदर के बीच जबरदस्त टकराव की स्थिति देखी जाती रही। पार्टी आलाकमान ने अमरिंदर की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री तो बना दिया लेकिन सिद्धू के साथ यहां भी टकराव की स्थिति लगातार देखी जा रही है। एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू ने और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच ठन गई है। अपनी ही सरकार को चेतावनी देते हुए सिद्धू ने यह तक कह दिया कि अगर ड्रग्स रिपोर्ट जारी नहीं की गई तो वह भूख हड़ताल पर वह भी अपनी ही सरकार के खिलाफ बैठ जाएंगे।

एक रैली में उन्होंने कहा कि लाखों नौजवान ड्रग्स लेकर मर रहे हैं, लाखों युवा ड्रग्स की सुई ले रहे हैं। ऐसे में पंजाब में नशे की बढ़ती खपत और कारोबार को लेकर सरकार को जल्द रिपोर्ट जारी करना चाहिए नहीं तो वह सार्वजनिक रूप से भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। इतना ही नहीं एक और मसले पर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है। सिद्धू ने कहा कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सोलंकी को अग्रिम जमानत के विरोध में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्यों नहीं दायर की? इतना ही नहीं, उन्होंने सुनील जाखड़ को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने कभी इस मुद्दे को नहीं उठाया। हालांकि सिद्धू के इस आरोप के बाद जाखड़ ने व्यंगात्मक लहजे में इसका जवाब भी दिया। जाखड़ ने एक शेर से इसका जवाब दिया जिसका मतलब था कि “बुत” उन्हें “काफिर” कह रहा है। पंजाब के फरीदकोट में 2015 में एक धार्मिक पुस्तक की बेअदबी का विरोध कर रहे लोगों पर गोली चलाने के एक मामले में सैनी आरोपी हैं।

सिद्धू ने अमृतसर में संवाददाताओं से बातचीत में सरकार से पूछा कि बेअदबी के मामले में उसने क्या कदम उठाये। सिद्धू ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी घटना की जांच छह महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया था और यह समयसीमा बीत चुकी है। उन्होंने पूछा कि सैनी को दी गई अग्रिम जमानत के विरुद्ध विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई। सिद्धू ने कहा, “अगर आरोपी को अग्रिम जमानत दी गई है तो जांच पूरी कैसे होगी।” उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार से सवाल किया, “हर कोई जानना चाहता है कि सरकार का इरादा क्या है। अगर सैनी को अग्रिम जमानत मिल गई है तो क्या आपने एसएलपी दायर की? 10 सितंबर को उन्हें अग्रिम जमानत मिली थी क्या उसके विरुद्ध एसएलपी दायर की गई।”

Next Post

असम-मिजोरम में सुलह, शांति बनाए रखने के लिए दोनो राज्यों ने लिया संकल्प

अमित शाह की मौजूदगी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम के उनके समकक्ष जोरमथांगा के बीच दो दिनों में यह लगातार दूसरी बैठक थी। सरमा ने कहा कि समय-समय पर मुख्यमंत्री स्तर की बातचीत होगी। उन्होंने बताया कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने […]

You May Like