महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस भी दिल्ली में हैं और साथ-साथ शरद पवार अपने सारे कार्यक्रम रद्द करके दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उनके साथ प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद हैं। ऐसे में किसी तरह कि खिचड़ी पकने की आशंका जताई जा रही है।
बंबई।आज से ठीक दो दिन बाद 28 तारीख को उद्धव ठाकरे सरकार के दो साल पूरे हो जाएंगे। 28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने सीएम पद की शपथ ली थी। उसके बाद से इन दो सालों में लगातार बीजेपी की तरफ से ठाकरे सरकार के गिरने की कई भविष्यवाणियां होती रही लेकिन वास्तविकता में ऐसा हो नहीं पाया। फिर से एक बार बीजेपी के नेता नारायण राणे की तरफ से उद्धव सरकार के गिरने की भविष्यवाणी की गई और मार्च तक का डेडलाइन भी दे दिया गया। इस बार राणे के दावे ने रणनीतिक हलकों में हलचल इसलिए भी बढ़ा दी है क्योंकि महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस भी दिल्ली में हैं और साथ-साथ शरद पवार अपने सारे कार्यक्रम रद्द करके दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उनके साथ प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद हैं। ऐसे में किसी तरह कि खिचड़ी पकने की आशंका जताई जा रही है।
परमबीर से हो रही पूछताछ
मुंबई लौटने के बाद पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से पूछताछ का सिलसिला जारी है। कल मुंबई में पूछताछ के बाद आज परमबीर ठाणे पहुंचे हैं। आज ही मुंबई के किला कोर्ट में परमबीर ने उन्हें भगोड़ा घोषित किए जाने के खिलाफ अर्जी दायर की है। गौरतलब है कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक धमाकेदार पत्र लिखकर आरोप लगाया, कि देशमुख ने अपने अधिकारियों को, जिनमें अब बर्खघस्त हो चुका पुलिस अधिकारी सचिन वाझे भी शामिल था, मुम्बई के शराबखघनों तथा रेस्टोरेंट्स से पैसा वसूलने का निर्देश दिया था। उनसे पूछताछ के बाद कई राज पर से पर्दा भी उठने की संभावना जताई जा रही है।
मार्च तक बनेगी बीजेपी की सरकार
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने दावा किया है कि मार्च के महीने तक प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन जाएगी। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जल्द ही राज्य में बीजेपी सरकार आ जाएगी और फिर सबकुछ सुचारु ढंग से चचलने लगेगा। सरकार गिराना होता या बनाना होता तो है तो कुछ बातें सीक्रेट रखनी पड़ती है। गौरतलब है कि लगातार बीजेपी की कोशिश है कि महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद वो सरकार से बाहर है। बीजेपी चाहती है कि किसी भी तरह से महाविकास अघाड़ी के घटक दलों के बीच दरार पड़े और वो अपनी सरकार बना ले।