इस कोष में लगभग 800 करोड रुपए जमा हो गए थे। लेकिन सरकार की ओर से दान में मिले रकम को खर्च करने में काफी कंजूसी की गई और सिर्फ 24ः ही उपयोग में लाया गया। अब भी इस कोष में 600 करोड़ से ज्यादा रुपए जमा हैं।
बंबई। एक आरटीआई खुलासे के बाद महाराष्ट्र कोविड फंड को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। आरटीआई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मुख्यमंत्री कोविड राहत कोष से सरकार ने लोगों को राहत देने में कंजूसी की है। जानकारी में यह भी पता चला है कि महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष में कोरोना महामारी काल के दौरान लोगों ने बढ़ चढ़कर दान किया था। इस कोष में लगभग 800 करोड रुपए जमा हो गए थे। लेकिन सरकार की ओर से दान में मिले रकम को खर्च करने में काफी कंजूसी की गई और सिर्फ 24ः ही उपयोग में लाया गया। अब भी इस कोष में 600 करोड़ से ज्यादा रुपए जमा हैं।
इस खुलासे के बाद भाजपा अब महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर हो गई है। भाजपा ने लोकायुक्त से सीएम कोविड राहत कोष से रुपए खर्च न किए जाने की जांच की मांग करनी शुरू कर दी है। भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार फंड की कमी का दावा करती रही। उसने केंद्र सरकार पर भी हमला जारी रखा और मास्क से लेकर वेंटिलेटर तक के सामान की मदद मांगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2 साल में उद्धव ठाकरे की सरकार ने केवल वसूली का काम किया है। इसके साथ उन्होंने कहा कि कोरोना फंड के नाम पर सरकार ने जनता से करोड़ों का संग्रह किया लेकिन उसका 24ः हिस्सा ही इस्तेमाल किया। राज्य सरकार की ओर से विज्ञापनों पर खूब खर्च किए जाते हैं जबकि कोरोना से प्रभावित आधी आबादी अब भी आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं।