हरिद्वार। कुंभ 2021 मेले में कोविड टेस्टिंग के फर्जीवाड़े की जांच अंतिम चरण में है। जिसमें बताया जा रहा है कि कई हजार लोगों के सत्यापन में अनियमितताएं मिली हैं। प्रशासन की ओर से जांच रिपोर्ट जल्द ही शासन को सौंप दी जाएगी।
बता दें टेस्टिंग जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच बैठाई। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जांच कमेटी फर्जीवाड़े की जांच कर रही है। जिसमें कई नए पहलू शामिल होने से जांच की समय अवधि बढ़ा दी गई। पहले कमेटी को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देनी थी, लेकिन जांच में कई नए पहलू शामिल होने से समय अवधि बढ़ा दी गई।
दो लैब और सर्विस प्रदाता फर्म के खिलाफ शहर कोतवाली में सीएमओ हरिद्वार शंभू नाथ झा की तहरीर के आधार पर एफआईआर भी दर्ज की गई। जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि जांच अब अंतिम चरण में चल रही है।
दरअसल, जांच करने में हर पहलू की बड़ी गंभीरता से पड़ताल की जा रही है। इसलिए कुछ समय लग रहा है। हमारे द्वारा प्रतिदिन लगभग 2000 से 2500 के करीब नंबरों की जांच की जा रही है। एक दिन में इतने नंबरों की जांच करना बहुत मुश्किल है। उसके बावजूद भी हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द जांच पूरी कर ली जाए।
साथ ही जिला अधिकारी ने कहा अगर हम चाहते तो इस जांच को पहले ही सिंपल तरीके से कर के समिट कर सकते थे। हमारे द्वारा इस जांच को बिल्कुल गहराई से किया जा रहा है। इसलिए इसमें समय लग रहा है।
क्या है मामला: बता दें कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की जांच का जिम्मा प्राइवेट लैब्स को दिया गया। जिसके बाद की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है। कुंभ मेले के दौरान किए गए एक लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं। प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है।
इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है। यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है।
सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है। मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए। इसमें एक दिल्ली की लैब भी थी, लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि दिल्ली में लैब का जो पता दिया गया था, वहां पर कोई लैब ही नहीं है।
ऐसा हुआ था खुलासा: हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक एलआईसी एजेंट के माध्यम से हुआ है। पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली। विपन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिसे सुनते ही वे भौंचक्के रह गए।
क्योंकि उन्होंने कोई कोरोना की कोई जांच ही नहीं कराई थी। ऐसे में विपन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए विपिन ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की।