नैनीताल: उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने मंगलवार को नगर के मनौरा पीक स्थित एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्था में 1972 से स्थापित 104 सेंटीमीटर संपूर्णानंद आप्टिकल दूरबीन की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित हो रहे स्वर्ण जयंती समारोह में 50 सेवानिवृत वैज्ञानिकों व कार्मिक को सम्मानित किया।
तीन दिनों तक चलने वाले इस समारोह के दूसरे दिन का हिस्सा बने राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में एरीज की 50 वर्ष की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एरीज सुदूर ब्रहमांड में अवलोकन संबंधी खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी और वायुमंडलीय विज्ञान में विशेषज्ञता रखने वाले देश के अग्रणी अनुसंधान संस्थानों में से एक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी वर्षों में एरीज और भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
इस मौके पर एरीज के निदेशक प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने एरीज की 50 वर्ष की स्वर्णिम उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व पटल में अपने योगदान से एरीज को ऊपरी पायदान पर ले जाने वाले संस्था के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक और कार्मिकों को मिल रहा सम्मान स्वयं में अभूतपूर्व है। उन्होंने संस्था की एवं 1972 से स्थापित 104 सेमी संपूर्णानंद दूरबीन से किए गए स्टार-क्लस्टर्स, युवा स्टार-फॉर्मिंग क्षेत्रों, ब्राउन ड्वार्फ्स, गामा-रे-बर्स्ट, सुपरनोवा और एक्स-रे स्रोतों के अध्ययन, खुले क्लस्टर्स के पोलारिमेट्रिक अध्ययन, गामा किरण महाविस्फोट, तारों की अधोगति, हमारी और दूसरी आकाशगंगाओं और खगोलीय पिंडों में शोध कार्य तथा तारों के बनने व नए तारों की खोज के साथ माइक्रोलेंसिंग जैसी नई घटनाओं के प्रेक्षणों का वीडियो के माध्यम से प्रदर्शन किया।
उन्होंने बताया कि संपूर्णानंद दूरबीन से अंतरराष्ट्रीय स्तर 5 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 400 शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। सौरमंडल के यूरेनस उपग्रह के छल्ले को खोजने में भी एरीज का बड़ा योगदान रहा है। एरीज में लगभग 6 से 10 छात्र हर साल खगोल विज्ञान और वायुमंडल विज्ञान में शोध कर सकते हैं।
इस अवसर पर डीएम धीराज गर्ब्याल, सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीबी सनवाल, डॉ. बृजेश कुमार, डॉ शशिभूषण पांडेय, एसएसपी पंकज भट्ट, एसपी हरबंस सिंह, एडीएम शिवचरण द्विवेदी, एसडीएम राहुल शाह व योगेश सिंह सहित एरीज के प्रोफेसर, शोधार्थी व कार्मिक उपस्थित रहे।