नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पांच साल बाद एक बार फिर उरी हमले जैसी साजिश की गई है। राजौरी में भारतीय सेना के ऑपरेटिंग बेस पर गुरुवार सुबह फिदायीन हमला करने की कोशिश की गई लेकिन इस हमले को नाकाम करते हुए दोनों हमलावरों को ढेर कर दिया गया है। इस आत्मघाती हमले में सेना के तीन जवान शहीद हो गए और 5 घायल हुए हैं। आतंकवादी हमले में घायल हुए सैन्यकर्मियों में एक अधिकारी भी हैं, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है। 16 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में गुरुवार सुबह आत्मघाती हमलावरों ने आर्मी कैंप पर हमला कर दिया। राजौरी से सेना का परगल कैंप 25 किमी. की दूरी पर है। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए हैं। दोनों तरफ से चली गोलियों में सेना के तीन जवान भी शहीद हुए हैं। जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने ट्वीिट करके बताया कि राजौरी के दारहाल इलाके के परगल में सेना के कैंप की बाड़ को किसी ने पार करने की कोशिश की। दोनों ओर से फायरिंग हुई। दरहाल पुलिस स्टेशन से 6 किमी. दूर स्थित दूसरी पार्टियों को भी आर्मी कैंप की ओर रवाना किया गया। उनके मुताबिक जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए और सेना के दो जवान घायल हुए।
सेना के परगल कैंप पर आज सुबह हुए अटैक ने 2016 के उरी सैन्य शिविर पर हुए हमले के जख्मों को ताजा कर दिया है। उरी हमले के 10 दिन के अंदर भारतीय सैनिकों ने पीओके में घुसकर आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। आज के आर्मी कैम्प हमले को बुधवार को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में लगभग 12 घंटे चले ऑपरेशन से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने आतंकी लतीफ राथर समेत लश्कर-ए-तैयबा के तीन दहशतगर्दों को मार गिराया था। लतीफ राथर कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट और कश्मीरी अभिनेत्री अमरीन भट समेत कई नागरिकों की हत्या में शामिल था। सुरक्षाबलों ने तीनों के शव बरामद कर लिये हैं। मुठभेड़ स्थल से हथियार व गोला-बारूद भी बरामद किया गया है।