देहरादून: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला पहुंचे. उन्होंने यहां जीवन वाला राजकीय प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया।
दिल्ली के शिक्षा मत्री का भी पदभार संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि उत्तराखंड में विद्यालयों के हाल बदहाल हैं। अगर खुद मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के विद्यालय की स्थिति खराब है तो बाकी प्रदेश के स्कूलों के हाल समझे जा सकते हैं।
दरअसल मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड सरकार को चुनौती दी थी कि वो उनके साथ बहस करें. जब मदन कौशिक बहस को नहीं पहुंचे तो उसके बाद सिसोदिया सीएम त्रिवेंद्र के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला जा पहुंचे. यहां उन्होंने सरकार को जमकर घेरा।
सिसोदिया उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के लिए निकले. यहां प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी प्रदेश की जनता का समर्थन लेकर चुनावी मैदान में उतरेगी।
मनीष सिसोदिया ने वहां पर पहुंचकर देखा कि कैसे स्कूल की हालत जर्जर है। मनीष सिसोदिया को कार्यकर्ताओं ने स्कूल की दीवारों, खिड़कियों और टॉयलेट का दृश्य दिखाया। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने सरकार पर यह आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर सरकारी स्कूलों को खत्म कर रही है। ताकि प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाया जाए।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बड़ी हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा सीट में ही स्कूलों का यह हाल है तो भला और जगहों का क्या हाल होगा। मनीष सिसोदिया अपने तमाम बयानों और खुले मंच से बार-बार यह कह रहे हैं कि उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर नहीं है।
लिहाजा इस वजह से आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मनीष सिसोदिया ने आज देहरादून में पत्रकारों से वार्ता करते हुए यह भी कहा कि अगर दिल्ली में महिलाएं बसों में मुफ्त में सफर कर सकती हैं तो उत्तराखंड में क्यों नहीं कर सकती हैं।
मनीष सिसोदिया ने डोईवाला में पहुंचकर भी कहा कि अगर राज्य की जनता उन्हें मौका देती है तो दिल्ली की तर्ज पर ही उत्तराखंड के तमाम स्कूलों की व्यवस्था की जाएगी।
उधर मनीष सिसोदिया के डोईवाला पहुंचते ही डोईवाला क्षेत्र के जीवन वाला प्रधान पति भी सामने आए. प्रधान पति गुरजीत सिंह का कहना है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया यहां पर सिर्फ और सिर्फ राजनीति करने आए थे और कुछ नहीं. लिहाजा अगर वह यहां पर व्यवस्थाओं को देखने आए थे तो उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई सड़क और दूसरी योजनाओं को भी देखना चाहिए था।
प्रधान पति ने एक पत्र भी सार्वजनिक किया है जो 28 नवंबर 2020 का है जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा इस स्कूल की मरम्मत के लिए 4.15 लाख रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं।