देहरादून। पर्यावरण एवं वन मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में राजपुर रोड स्थित मंथन सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक आयोति की गयी, जिसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा विभाग के ढांचे, मैनपावर, पदोन्नति तथा वन पंचायतों, जैव विविधता बोर्ड, जायका, कैम्पा और वन विभाग के अन्तर्गत संचालित की जा रही योजनाओं और कार्यों तथा बजट के प्रावधानों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
वन मंत्री ने प्रदेश में स्थित सभी सक्रिय वन पंचायतों और सक्रिय इको समितियों के वन संरक्षण, वृक्षारोपण, वन्य जीव संरक्षण, मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकथाम और जल प्रबन्धन इत्यादि में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उनके खातों में न्यूनतम 1 लाख रूपये तथा अधिकतम 5 लाख रूपये की धनराशि निर्गत करने के निर्देश दिये। ये वन पंचायतें और इको समितियां वन विभाग द्वारा सौंपे गये कार्यों और स्थानीय स्तर पर वृक्षारोपण वन व वन्यजीव संरक्षण तथा जल संरक्षण में इस धनराशि का उपयोग करेंगे। इससे एक ओर जंगल और वन्यजीव सुरक्षित रहेंगे दूसरी ओर लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे और लोग वन संपदा को बचाने के लिए अधिक प्रेरित होंगे।
वन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों को स्थानीय स्तर पर सूखी लकड़ी और चारापत्ती इत्यादि को उठाने की अनुमति दी जाय तथा जो कार्मिक स्थानीय लोगों के हक-हकूक देने में आनाकानी करेगा उसको प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी। उन्होंने जंगल में ड्यूटी के दौरान वन्यजीवों से संघर्ष अथवा ड्यूटी के दौरान मृतक व्यक्ति के परिजनों को 15 लाख रूपये की धनराशि तथा घायलों को तद्नुसार अनिवार्य रूप से मुआवजा 15 दिन के भीतर देने के निर्देश दिये। मा0 मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को विभाग में हरहाल में मैनपावर को बढ़ाने के लिए नियमावली में आवश्यकतानुसार संशोधन करने, पद्दोन्नति प्रक्रिया में शिथलीकरण बरतने तथा वन विभाग में रिक्तियों को तेजी से भरने हेतु व्यापक अभियान चलाने के निर्देश देते हुए वन कार्मिकों की भर्ती हेुत पृथक से वन अधीनस्थ चयन आयोग के गठन का प्रस्ताव बनाने को कहा।
उन्होंने वन विभाग, वन निगम, वन पंचायतों, इको समिति, जैव विविधता बोर्ड इत्यादि सभी को एकीकृत टीम के रूप में कार्य करते हुए वन विभाग को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का आह्वान किया, जिससे मैनपावर का अधिकतम सदुपयोग संभव हो सके। वन मंत्री ने विभिन्न सड़कों के किनारे पर वृक्षारोपण करते समय सड़क के भविष्य में 2 लेन अथवा 4 लेन बनने की संभावना को ध्यान में रखते हुए दूरदृष्टि अपनाते हुए व्यापक वृक्षारोपण करने के निर्देश दिये ताकि सड़क चैड़ीकरण के समय वृक्षों का कटान ना करना पड़े। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को रोपित किये गये वृ़क्षों की सुरक्षा और सर्वाइव हेतु वर्षभर माॅनिटिरिंग करते रहने के भी निर्देश दिये।
इस दौरान बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राजीव भर्तहरी सचिव वन विजय यादव, पीसीसीएफ व चैयरमैन जैव विविधता बोर्ड विनोद कुमार, पीसीसीएफ वन पंचायत ज्योत्सना सितलिंग, एम.डी वन निगम डी.जे.के शर्मा, मुख्य वाईल्ड लाइफ वार्डन व एपीसीसीएफ जे.एस सुहाग सहित सम्बन्धित अधिकारी कार्मिक उपस्थित थे।