राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस ने फूंका केन्द्र सरकार का पुतला

Prashan Paheli

गोपेश्वर:  चमोली जिला कांग्रेस ने कहा है कि केन्द्र सरकार राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से प्रेरित होकर सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करते हुए विपक्षी दल के नेताओं का उत्पीडन कर रही है। जिसकी कांग्रेस पार्टी घोर निन्दा करती है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर के तिराहे पर विरोध स्वरूप पुतला दहन किया और जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा है।

शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष विरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई इसी बात का द्योतक है कि केन्द्र सरकार राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से प्रेरित होकर उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र की स्थापना पं जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, पुरुषोत्तम दंडन, आचार्य नरेंद्र देव, रफी अहमद किदवई और अन्य नेताओं ने वर्ष 1937 में किया था ताकि देश में स्वतंत्रता आंदोलन को आवाज दी जा सके।

समाचारपत्र को घाटे में होने और देय बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2002 से लेकर 2011 के दौरान लगभग 100 किश्तों में इसे 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया। इस राशि से नेशनल हेराल्ड के 87 करोड़ रुपये अपने कर्मचारियों के वेतन और बीआरएस का भुगतान करने के लिए उपयोग किए और बाकी की राशि बिजली शुल्क, गृह कर, किरायेदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों को भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई। जिलाध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक दल की ओर से ऋण देना भारत में किसी भी कानून के तहत एक आपराधिक कृत्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, स्व. मोतीलाल वोरा, सुमन दबे आदि इस नॉट-फॉर प्रॉफिट कंपनी की प्रबंध समिति के सदस्य हैं। नॉट-फॉर प्रॉफिट की अवधारणा पर स्थापित किसी भी कंपनी के शेयर धारक, प्रबंध समिति के सदस्य कानूनी रूप से कोई वेतन या अन्य वित्तीय धन नहीं ले सकते हैं। ऐसे में उन पर वित्तीय प्राप्ति का आरोप निराधार है।

उन्होंने अपने ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की है कि देश के संवैधानिक संरक्षक होने के नाते नेशनल हेराल्ड मामले में हस्तक्षेप करते हुए केन्द्र सरकार को सत्ता का दुरुपयोग रोकने के लिए दिशा निर्देश दिया जाए। इस मौके हरिकृष्ण भट्ट, अरविंद नेगी, आनंद सिंह पंवार, मनीष नेगी, ताजवीर कंडेरी, उषा रावत, गोविंद सजवाण, विलेश्वरी देवी, मंजू देवी, किशोरी लाल, दर्शन विश्वकर्मा आदि मौजूद थे।

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