ममता सरकार पर दाग

Prashan Paheli

संदेशखली कांड में तृणमूल सरकार के आचरण को उचित नहीं ठहराया जा सकता। उसे ऐसे गंभीर आरोप के मामले में अधिक तत्परता दिखानी चाहिए। विपक्षी प्रतिनिधिमंडलों को घटनास्थल पर जाने से रोकना तो सिरे से आपत्तिजनक है। पश्चिम बंगाल का संदेशखली कांड ममता बनर्जी की सरकार पर एक गहरा दाग […]

केजरीवाल की कहानियों का अंत नहीं

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ड्रामे और उनकी कहानियों का अंत ही नहीं हो रहा है। उनकी सरकार ने एक बार फिर विधानसभा में विश्वास मत पेश कर दिया। किसी ने उनके बहुमत पर अविश्वास नहीं जाहिर किया था और न कहीं से उनकी सरकार को खतरा दिख रहा […]

यूपी में 11वीं सीट का खेला

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उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 10 सीटें खाली हो रही हैं, जिसके लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है। विधानसभा की संख्या के लिहाज से भाजपा को सात और समाजवादी पार्टी को तीन सीटें  मिलेंगी। दोनों पार्टियों ने पहले अपने अपने कोटे की सीटों के लिए उम्मीदवार की घोषणा की […]

गरीब को पांच किलो अनाज

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हरिशंकर व्यास प्रधानमंत्री की बताई चार जातियों में से एक जाति गरीब की है, जिसके बारे में सरकार की ओर से दावा है कि पिछले नौ साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। अंतरिम बजट से पहले सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार की ओर से […]

लोकतंत्र के लिए अहम

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इलेक्ट्रॉल बॉन्ड योजना शुरू से विवादास्पद थी। जो अनुभव रहा, उससे इसके खिलाफ आरंभ ही कही गई बातें लगातार ठोस साबित होती गईं। इनके बीच यह तर्क महत्त्वपूर्ण था कि असीमित और गुप्त राजनीतिक चंदा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के तकाजे के खिलाफ है। इलेक्ट्रॉल बॉन्ड योजना को रद्द कर […]

आप के साथ नहीं बन रही बात

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कांग्रेस पार्टी ने भी अब आम आदमी पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी है क्योंकि दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे की बात नहीं बन रही है। लेकिन तालमेल नहीं होने का एकमात्र कारण यही नहीं है कि दोनों में सीट बंटवारा फाइनल नहीं हो पाया है। इसके अलावा […]

किसान फिर सड़क पर

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किसान संगठन ‘दिल्ली चलो’ अभियान पर निकल पड़े हैं। इससे 2020 का नजारा फिर से सामने आ खड़ा हुआ है। तब आंदोलन से निपटने के सरकारी उपाय किसानों का हौसला तोडऩे में नाकाम रहे थे। क्या इस बार सरकार सफल होगी? किसान संगठनों की मांगों का ना सिर्फ वर्तमान सत्ताधारी […]

लोकतंत्र में नक्सलवाद और माओवाद गंभीर चुनौती

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अजय दीक्षित केन्द्र सरकार लगातार दावे करती रही। है कि नक्सलवाद और माओवाद जैसे चरमपंथी संगठनों को प्रभावहीन कर दिया गया है लेकिन छत्तीसगढ़ के वीजापुर जिले में वीते मंगलवार की घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि यहां इन संगठनों की जड़ें जमीं हुई हैं। […]

गरीबी पर गोलमाल

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हरिशंकर व्यास श्वेत पत्र में नहीं बताया गया कि किस आधार पर सरकार गरीबी का आकलन कर रही है। यह इसलिए हैरान करने वाली बात है क्योंकि अंतरिम बजट पेश करने से पहले भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार की ओर से तैयार एक लंबी चौड़ी रिपोर्ट जारी की गई। […]

हल्द्वानी हिंसा का दोषी कौन?

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अजय दीक्षित गत वृहस्पतिवार 8 फरवरी को तथाकथित एक अवैध मदरसे को तोडऩे के बाद जिस पैमाने पर हल्द्वानी में हिंसा हुई, वह बहुत चिंता का विषय है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बुलडोजर मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है । हल्द्वानी नैनीताल जिले का हिस्सा है । […]