देहरादून: घरों के आंगन में लाडलों की इस चहचहाहट को स्वस्थ बनाने में आयुष्मान योजना वरदान साबित हो रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक शून्य से चार वर्ष आयु के 10097 बच्चों का उपचार पूरी तरह से निशुल्क उपचार आयुष्मान योजना के तहत हुआ है। अब तक 32.38 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं।
किसी भी परिवार के लिए सबसे अधिक कष्टकारी समय भी वही होता है जब उसकी भावी पीढ़ी कमजोर या फिर अस्वस्थ होती है। प्रदेश में ही ऐसे कई उदाहरण दिख जाएंगे,जहां गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चे के उपचार में ही पूरे परिवार की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। या फिर उपचार के महंगे खर्च ने मां-बाप व सभी परिजनों को तमाम कोशिशों के बाद भी ताउम्र सिसकने को मजबूर कर दिया।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जानकारी के अनुसार आयुष्मान योजना प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख का मुफ्त उपचार और राज्य स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत उपचार पर अनलिमिटेड उपचार की व्यवस्था है। अभी तक राज्य में शून्य से चार साल तक के कुल 10097 बच्चों का उपचार निशुल्क बालक 1 हजार 397 है, जबकि बालिका 8 हजार 700 सौ का उपचार किया गया है। उपचार पर कुल 32.38 करोड़ से अधिक खर्च हुए हैं।
वर्तमान में प्रदेश भर में हर वर्ग आयु के अब तक कुल 47.32 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। योजना के लाभ की बात करें तो 5.17 लाख बार लाभार्थी मुफ्त उपचार सुविधा का लाभ ले चुके हैं। उपचार करने में सरकार का 868 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत का कहना है कि नई पीढ़ी के स्वास्थ्य और समाज की नई कोंपलों के बेहतर पोषण का हो तो जीवनदायनी आयुष्मान योजना की सफलता के प्रति हम सब की जिम्मेदारी तब और भी अधिक बढ़ जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना निश्चित रूप से संजीवनी का काम तो कर ही रही है, छोटे बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा में यह मां के आंचल की तरह है। शून्य से चार वर्ष तक के हजारों बच्चे आयुष्मान ने फिर से सेहतमंद किए हैं यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। आमजन तक योजना का लाभ पहुंचे इसकी मॉनिटरिंग के साथ ही योजना में कहीं भी किसी तरह की लापरवाही ना हो, संबंधित अधिकारियों को इसके सख्त निर्देश दिए हैं।