देहरादून: अंकिता भंडारी की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका में अंकिता की हत्या मामले में पटवारी सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया गया है। आज जब इस याचिका को चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया गया तो कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो 27 सितंबर को संबंधित दस्तावेज के साथ मेंशन करें।
याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार ने पटवारी सिस्टम को चुनौती देने वाली एक याचिका हाईकोर्ट में 2019 में दायर की थी लेकिन वो याचिका अभी तक लिस्ट नहीं हो पाई है। याचिका में कहा गया है कि अंकिता के पिता अपनी शिकायत दर्ज कराने पुलिस के पास गए थे लेकिन उनको पटवारी की संस्तुति के लिए भेज दिया गया। अंकिता के परिजन शिकायत दर्ज कराने को लेकर पुलिस और पटवारी के बीच दौड़ते रहे लेकिन जब शिकायत ही दर्ज नहीं हुई तो जांच कैसे शुरू होती।
अंकिता पौड़ी गढ़वाल में एक निजी रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। वो 18 और 19 सितंबर की दरम्यानी रात से गायब थी। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें चिल्ला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थीं। 24 सितंबर को अंकिता का शव चिल्ला पावर हाउस से मिला। उसकी हत्या का आरोप रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता पर लगा है। तीनों न्यायिक हिरासत में हैं।