देहरादून। कांग्रेस पिछले 65 वर्षों में अनुसूचित जाति वर्ग को केवल वोट बैंक समझ कर रखा। कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान मलिन बस्तियों की कभी सुध नहीं ली और अब उसे मलिन बस्तियों याद आ रही है जबकि प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने के लिए कृत संकल्प है। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रविंद्र वाल्मीकि ने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर करारा तंज कसते हुए कहा है कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो उन्हें मलिन बस्तियों की कभी याद नहीं आई और अब चुनाव आते ही उन्हें मलिन बस्ती याद आने लगी है। मोर्चा के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि भाजपा संगठन द्वारा पिछले 7 वर्षों से बस्तियों में रहने वाले हमारे साथियों को प्रधानमंत्री की और से चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया जा रहा है, ताकि वह इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ ले सकें। उनकी मदद के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनसे निरंतर संपर्क रखा और कोरोना वायरस वैश्विक महामारी में भी उनकी हर संभव मदद की। वही कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता इस दौरान कहीं नजर नहीं आया।
रविंद्र वाल्मीकि ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने मलिन बस्ती में रहने वाले भाई-बहनों के लिए पिछले 65 वर्षों में कुछ नहीं किया। दूसरी ओर, पिछले 7 वर्षों से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गरीब वंचित अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान और कल्याण के लिए निरंतर कार्यरत रही है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों और वंचित लोगों के लिए गहराई से सोचते हैं और उसी का परिणाम है कि उन्होंने उनके कल्याण के लिए ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं बनाईं और मलिन बस्तियों में रहने वाले हमारे भाई-बहन भी सम्मान की जिंदगी जीयें और स्वावलंबी बनें। हम सब इस दिशा में कृत संकल्प है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की प्रेरणा से हम सब पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्यरत हैं। रेहड़ी पटरी वालों को पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत कारोबार के लिए रुपए 10 हजार का लोन दिलवाया गया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत महिलाओं को मुफ्त गैस चूल्हा और सिलेंडर बांटे गए। श्रमिक बंधुओं के लिए ई-श्रम कार्ड बनवाए गए ताकि अगर वह देश के किसी भी कोने में हों, तो भी पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर रोजगार प्रदान करने वाले व्यक्ति से संपर्क कर सकें।