दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों की लड़ाई आजादी की लड़ाई से कम नहीं थी। यह किसानों की जीत नहीं है बल्कि यह जनतंत्र की जीत है। देश के भीतर पिछले कुछ सालों से लोकतंत्र से जो भरोसा उठ रहा था लेकिन किसान आंदोलन से लोगों के भीतर भरोसा बढ़ा है।
नयी दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसान आंदोलन का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने शहीद हुए 700 किसानों को नमन किया। उन्होंने कहा कि अपने देश के किसान देशद्रोही हैं क्या ? अगर यह लोग देशद्रोही हैं तो गालियां देने वाले क्या हैं ? किसानों को खालिस्तानी कहा गया, चीन का एजेंट कहा गया फिर भी यह लोग शांति के साथ बैठे रहे। इतना ही नहीं सरकार किसानों की हिम्मत नहीं तोड़ पाई और अंत में उन्हें किसानों के सामने झुकना पड़ा।
आजादी की लड़ाई जैसी थी किसानों की लड़ाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की लड़ाई आजादी की लड़ाई से कम नहीं थी। यह किसानों की जीत नहीं है बल्कि यह जनतंत्र की जीत है। देश के भीतर पिछले कुछ सालों से लोकतंत्र से जो भरोसा उठ रहा था लेकिन किसान आंदोलन से लोगों के भीतर भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मेरे देश के किसान ने अपने सत्याग्रह से ये दिखा दिया कि अन्याय के खघ्लिाफ सच्चाई और मजबूत इरादों की जीत जरूर होती है। इसी बीच भाजपा पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि जब तीनों कृषि कानून आए तो भाजपा वालों ने इसे मास्टरस्ट्रोक बताया था और जब वापस लिया गया तब भी मास्टरस्ट्रोक बताया। आपके नेताओं ने आपकी क्या गत बना दी।
किसानों के साथ है दिल्ली सरकार
उन्होंने कहा कि हम किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। टेनी साहब को तुरंत केंद्रीय मंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए। केंद्र सरकार की कुछ तो मजबूरी होगी तभी उनका बोझ अपने कंधे पर ढो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) वाली मांग जायज है। इसके ऊपर हमने भी बहुत अध्ययन किया है। राजनीतिक तौर पर नहीं लेकिन अगर यह लागू हो जाता है तो कृषि क्षेत्र को बहुत फायदा हो सकता है। इसके अलावा किसानों पर लगाए गए सभी केस वापस होने चाहिए। हम किसानों के साथ है।