अमरिंदर ने कहा कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गांव वाले राजनीतिक दलों को प्रचार करने की अनुमति नहीं देंगे।
चंडीगढ़। पंजाब में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर से इसकी तैयारी भी शुरू कर चुके हैं। वर्तमान में देखें तो पंजाब में सबसे बड़ा मुद्दा केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का है। इन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी को लेकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बड़ा बयान दिया है। अमरिंदर सिंह ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में 1 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए।
अमरिंदर ने कहा कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गांव वाले राजनीतिक दलों को प्रचार करने की अनुमति नहीं देंगे। प्रतिष्ठित अखबार इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में बोलते हुए दिग्गज नेता ने कहा कि किसान संकट का हल भारत की सरकार को निकालना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसका हल निकाला नहीं गया तो पंजाब में अशांति बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि उन्हें संदेह है कि कृषि आंदोलन राष्ट्र विरोधी तत्वों को एक मंच प्रदान कर सकता है।
अमरिंदर ने कहा कि पंजाब शांत प्रदेश है। यहां कोई आतंकी रिक्रूट नहीं है। यह रिक्रूट कहां से आएंगे, आंदोलन से आएंगे। इसलिए इस मुद्दे को समाप्त करना होगा और पाकिस्तान से आ रहे ड्रोनों पर भी ध्यान रखना होगा। पंजाब में बीएसएफ के क्षेत्राधिकार को बढ़ाने को लेकर भले ही वहां के सरकार केंद्र सरकार पर सवाल उठा रही है। लेकिन अमरिंदर ने क्षेत्राधिकार को बढ़ाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में एक ड्रोन पंजाब की सीमा क्षेत्र के 31 किलोमीटर अंदर तक घुस आया था जो कि बीएसएफ के वी क्षेत्राधिकार से बाहर था।