देहरादून। राजाजी टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए दोबारा खोल दिया गया। राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला, मोतीचूर, रानीपुर, मोहंड और आशारोड़ी के गेट पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। इस मौके पर टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से सभी गेट पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह पहली बार है जब आशारोड़ी गेट से पार्क पर्यटकों के लिए खोला गया है। अब पर्यटक यहां से भी प्रवेश ले सकेंगे।
दिलचस्प पहलू यह रहा कि पहले ही दिन बड़ी संख्या में पर्यटक चीला, मोतीचूर, मोहंड व आशारोड़ी गेट पर सफारी करने पहुंचे। टाइगर रिजर्व प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से पर्यटकों को टाइगर रिजर्व के बारे में जानकारी देने के साथ ही रिजर्व में रहने वाले पक्षियों और वन्यजीवों के बारे में भी विस्तार से बताया गया। दूसरी ओर राजाजी को पर्यटकों के लिए खोले जाने को लेकर के बाद अधिकारियों कर्मचारियों ने भी राहत की सांस ली। इससे पहले राजाजी टाइगर रिजर्व को एक अक्टूबर को ही पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था। इतना ही नहीं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के निर्देश पर राजाजी टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट जोन में दो सफारी ट्रैक बनाकर वहां भी पर्यटकों के लिए सफारी शुरू कर दी गई। लेकिन मामला उस समय पेचीदा हो गया, जब टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से पहले पर्यटकों के लिए खोले जाने और क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट जोन में सफारी कराए जाने को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत बताते हुए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) में याचिका दाखिल कर दी। याचिका पर सुनवाई करते हुए एनटीसीए ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को टाइगर रिजर्व को तत्काल बंद करने का आदेश जारी करते हुए निर्धारित तिथि 15 नवंबर से ही पर्यटकों के लिए पार्क के गेट खोले जाने की बात कही। एनटीसीए के निर्देश पर न सिर्फ गेट बंद कर दिए गए, वरन सफारी पर भी रोक लगा दी गई थी। लेकिन अब एनटीसीए की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद टाइगर रिजर्व को दोबारा पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। टाइगर रिजर्व निदेशक डीके सिंह ने बताया कि फिलहाल टाइगर रिजर्व के पांच गेट पर्यटकों के लिए खोले गए हैं। यहां 49 प्रजातियों के वन्यजीवों के साथ ही 328 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं।