सवालों के घेरे में किसान संगठन, सावरकर पर अमित शाह का बड़ा बयान

Prashan Paheli

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। यह पूरी तरह से गलत है और सयुंक्त किसान मोर्चा ने अपना बयान जारी किया है। कानून अपना काम करेगा। हम इस घटना से जुड़े नहीं हैं।

नयी दिल्ली। क्या किसान आंदोलन अपनी दिशा भटक चुका है? भले ही सिंघु बॉर्डर पर एक व्यक्ति की हुई हत्या से किसान संगठन अपना पल्ला झाड़ रहा हो लेकिन सवाल जरूर पूछे जाएंगे? वीर सावरकर को लेकर देश में लगातार राजनीति हो रही है। लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब अमित शाह ने भी उनको लेकर बड़ा बयान दिया। आपको वह बयान भी जरूर सुनाएंगे।

सवालों के घेरे में किसान संगठन

दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर किसानों के कुंडली स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसका हाथ काट दिया गया। उसके शरीर पर धारदार हथियार से हमले के करीब 10 जख्म बने थे और उसकेशव को अवरोधक से बांधा गया था। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस नृशंस हत्या के घंटों बाद सिखों की निहंग परंपरा के तहत नीले लिबास में एक व्यक्ति मीडिया के समक्ष आया और दावा किया कि उसने पीड़ित को पवित्र ग्रंथ की ‘बेअदबी’ करने की ‘सजा’ दी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। उनका दावा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी। वहीं, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। यह पूरी तरह से गलत है और सयुंक्त किसान मोर्चा ने अपना बयान जारी किया है। कानून अपना काम करेगा। हम इस घटना से जुड़े नहीं हैं।

सावरकर पर अमित शाह का बड़ा बयान

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत और इसके स्वतंत्रता संग्राम के लिए वीडी सावरकर की प्रतिबद्धता पर संदेह करने वाले लोगों पर पलटवार करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी की देशभक्ति और वीरता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को ‘‘कुछ शर्म’’ करनी चाहिए। गृह मंत्री ने यहां राष्ट्रीय स्मारक सेलुलर जेल में सावरकर के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद कहा, ‘‘इस जेल में तेल निकालने के लिए कोल्हू के बैल की तरह पसीना बहाने वाले और आजीवन कारावास की दो सजा पाने वाले व्यक्ति की जिंदगी पर आप कैसे शक कर सकते हैं। इस जेल में भारत के लंबे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था। शाह ने कहा कि सावरकर के पास वह सब कुछ था, जो उन्हें अच्छे जीवन के लिए चाहिए होता, लेकिन उन्होंने कठिन रास्ता चुना, जो मातृभूमि के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत की आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में सरकार ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ मना रही है और इसी के तहत एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘इस सेल्युलर जेल से बड़ा तीर्थ कोई नहीं हो सकता। यह स्थान एक ‘महातीर्थ’ है, जहां सावरकर ने 10 साल तक अमानवीय यातना सहन की, लेकिन अपना साहस, अपनी बहादुरी नहीं खोई।’’

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