गैरसैण1। आज दिनांक 02 अक्टूबर 21 को गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान द्वारा उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में रामपुर तिराहा (अब रामपुर का चौराहा ) के शहीदों की स्मृति व श्रद्धांजलि स्वरूप ‘शहीद वंदन एवम अभिनंदन सम्मान’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवम राष्ट्र के यशस्वी पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री लालबहादुर शास्त्री को भराड़ीसैण पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित करने हेतु भराड़ीसैण स्थित विधानसभा पहुंचा। राष्ट्रीय दिवस पर वहाँ तिरंगा झंडा रोहण ना पाकर उखड़ गया। इसे अभियान दल ने सोशल मीडिया पर live प्रसारण कर विरोध जताया। अभियान दल ने वहीं विधानसभा गेट पर पुष्प अर्पित कर राष्ट्रपिता और भारत के लाल को श्रद्धांजलि अर्पित की। तटपश्चात मुख्य कार्यक्रम गैरसैण के रामलीला मैदान में ‘शहीद वंदन एवम अभिनंदन सम्मान’ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के सर्व शहीदों गैरसैण के स्थानीय एवम प्रदेश के विभिन्न कोनों से आए संगठनों द्वारा संयुक्त रुप से भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
‘शहीद वंदन एवम अभिनंदन सम्मान’ कार्यक्रम के तहत रामपुर तिराहा कांड व उसका राज्य आंदोलन व निर्माण के महत्व पर विस्तृत वृतांत दिया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य आंदोलन का विचार पत्र पढ़ा गया। ‘शहीद वंदन एवम अभिनंदन सम्मान’कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य आंदोलन की अवधारणा के सवालों पर एवम गैरसैण राजधानी आंदोलन के विषयक विमर्श प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लोक गायक सौरभ मैठाणी एवम लोक गायिका श्रीमती शकुंतला रमोला द्वारा शहीद लोक गान, भजनावली एवम लोक गाथाओं पर मार्मिक गीत प्रस्तुत किये गए। लोक कलाकारों, सम्मानित आंदोलनकारियों एवम उपस्थित जन समुदाय ने संयुक्त रुप से हरिनाम मंत्र गाकर पूरे माहौल को भक्तिमय भी बना दिया। ‘शहीद वंदन एवम अभिनंदन सम्मान’कार्यक्रम में राज्य अवधारणा के सवालों पर जन क्रियाशील संगठनों के प्रतिनिधियों, संगठन कर्मियों, राज्य आंदोलनकारियों व संस्कृतकर्मियों की उपस्थिति रही व प्रबुद्ध गैरसैण अभियंकर्मियों को सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में गैरसैण राजधानी के 40 आंदोलनकारी, उत्तराखंड आंदोलन के 10 आंदोलनकारी व 10 समाजसेवियों, महिला मंगल दल कर्मियों को सम्मानित किया गया। सभी सम्मानित होने वाले सभी आंदोलनकारियों समाजसेवीयों को गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान की ओर से शाल व स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। लोक गायिका श्रीमती शकुंतला रमोला द्वारा मेरा देश, मेरा वतन, उत्तराखंड भूमि तेरी जै जै जैसी मातृभूमि के गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि प्रस्तुतियों को वाह वाही व लोक गायक सौरभ मैठानी की प्रस्तुतियों को खूब सराहा गया। लोक कवि मधुसूदन थपलियाल की कविता ‘य कु छन जो हम थै गौरसि हकाणा छन, सुखु पराली खिले कि दूध घी चाणा छन’ ने आम आदमी के दर्द को उखेरा। लोक गायक सौरभ मैठाणी द्वारा गणेश वंदना, दिल दिया है, जान भी देंगे, ए वतन तेरे लिये से भक्तिमय माहौल बन गया।
आज के कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखें जिनमें श्रीमती रेखा नेगी,’सैनिक शिरोमणि’ मनोज ध्यानी, श्री मदन सिंह भंडारी, गैरसैण आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार श्री प्रवीण सिंह एवम श्री नारायण सिंह बिष्ट, नैनीताल हाईकोर्ट के श्री गोविन्द सिंह भंडारी, भू कानून के अभियानकर्मी श्री प्रभात कुमार, दीपिका न्योल देयोपा, देवभूमि भैरव सेना के अध्यक्ष श्री संदीप खत्री, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, रविन्द्र प्रधान, सुभाष रतूड़ी, श्रीमती धूमा देवी, श्रीमती कमला पँवार, आदि रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ में उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गईं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों की भी भागीदारी रही।