रायपुर। पंजाब, राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अंर्तकलह जारी है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी और 15 सालों तक सत्ता में रहने वाली भाजपा 15 सीटों पर ही सिमट गई थी। इस जीत के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए, इसका मंथन शुरू हो गया और फिर ढाई-ढाई साल वाला फॉर्मूला सामने आया। जिसके मुताबिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव को मुख्यमंत्री बनाया जाना था।
क्या है ढाई-ढाई साल वाला फॉर्मूला
कांग्रेस ने चुनाव बाद भूपेश बघेल की ताजपोशी की और टीएस सिंह देव को स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा दे दिया गया लेकिन ढाई साल पूरे होने के बाद टीएस सिंह देव ने भूपेश बघेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सभी को दिल्ली तलब किया गया लेकिन टीएस सिंह देव को कामयाबी नहीं मिली।
इसी बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री बनाए जाने के विषय पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि न तो वह भूपेश बघेल के साथ हैं और न ही टीएस सिंह देव के।
सर्वोपरी होता है संगठन
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं संगठन का मुखिया हूं। पालक की भूमिका हैं। न मैं भूपेश बघेल के साथ हूं और न ही टीएस सिंह देव के साथ। मैं संगठन का व्यक्ति हूं। संगठन का काम चुनाव लड़ाना, बूथ प्रबंधन करना। चुनाव आते हैं, चुनाव जाते हैं। आते रहेंगे, जाते रहेंगे मगर जो संगठन का काम है वो सतत चलने वाली प्रक्रिया है। संगठन किसी के साथ नहीं होता है बल्कि सबके साथ होता है। संगठन भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव और सभी नेता हमारे हैं। हम किसी के साथ नहीं हैं, संगठन सर्वोपरी होता है।
इसी बीच उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के मामले में क्या होगा, क्या नहीं। यह तो आलाकमान ही तय करेगा।