देहरादून। दून विश्वविद्यालय के प्रबन्धशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय वैबिनार को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो0 सुरेखा डंगवाल ने कहा कि वैश्वीकरण के बाद एक नये ओद्योगिक युग का उदय हुआ जिससे समाज को एक नयी सोच और एक नया दर्शन मिला। इस नये समाज के निर्माण के लिये राष्टीय शिक्षा नीति एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे हम स्थानीय व क्षेत्रीय जगत के साथ-साथ वैश्विक जगत के साथ मुकाबला करने के लिये सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पश्चिम की सभ्यता पर आधारित रही है जिससे बच्चे के व्यक्तित्व विकास सहज रूप से होने में कठिनाई स्वाभाविक है। आवश्यक है कि हम अपने समाज, वातावरण के परिदृश्य में शिक्षा प्रदान करें जिससे शिक्षण एवं पठन-पाठन सुगम व अधिक कारगर हो सके। प्रो0 डंगवाल ने बच्चों को पढ़ाई जाने वाली कहानियों एवं कविताओं को क्षेत्र विशेष के सन्दर्भ में सिखाने की पहल की। इस अवसर पर चैघरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के अभियांत्रिकी एवं प्रोद्यौगिकी संकाय के अध्यक्ष प्रो0 हरे कृष्ण ने कहा कि राष्टीय शिक्षा नीति विद्यार्थी केन्द्रित है। इस नीति के तहत विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम चयन करने, एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में अध्ययन हेतु जाने, अध्ययन को बीच में छोड़ने-पुनः प्रारम्भ करने की स्वतंत्रता के साथ ही रोजगार, कौशल विकास की संभावनाओं से परिपूर्ण है। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास एवं सर्वांगीण विकास की दृष्टि से यह नीति काफी प्रभावी सिद्व होगी। प्रो0 हरे कृष्ण ने कहा कि यह नीति विद्यार्थियों को पारम्परिक ज्ञान के साथ आत्मसात कर मौलिक एवं नवाचारयुक्त शोध को प्रोत्साहित करेगी जिससे शोध की गुणवत्ता मेें सुधार होगा। प्रो0 हरे कृष्ण ने कहा कि इस नीति के लागू होने से विद्यार्थियों को काफी सुविधायें उपलब्ध होंगी जो उनको वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिये सहायक सिद्व होगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य में नयी शिक्षा नीति के तहत तैयार स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम पर विस्तार से चर्चा की।
वैबिनार को भारतीय वाणिज्य संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रो0 मानस पाण्डेय, स्कूल आॅफ मैनेजमेंट के विभागाध्यक्ष प्रो0 एच0सी0 पुरोहित ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 रीना सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 प्राची पाठक ने किया। इस अवसर पर प्रो0 हर्ष डोभाल, प्रो0 शेखर जोशी, प्रो0 ए0के0 तिवारी, डाॅ0 सुधांशु जोशी, डाॅ0 स्मिता त्रिपाठी, डा वैशाली, डाॅ0 अलका सूरी, डाॅ0 आर0एन0 सिंह, डाॅ0 एस0पी0 सती, साकेत उनियाल सहित शिक्षाविद् एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।