रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को कथित तौर पर ढाई-ढाई वर्ष के लिए साझा करने संबंधी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि बघेल स्पष्ट करें कि सरकार को कौन अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। नई दिल्ली में मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर में बघेल ने कहा था कि जो मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे हैं वह राज्य में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक अजय चंद्राकर ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर कहा मुख्यमंत्री जी मुख्यमंत्री पद एक व्यक्ति नहीं संस्था होती है… तीन चैथाई बहुमत की सरकार को कौन अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है… दिल्ली दरबार या कोई और..? आपको स्पष्ट करना चाहिए…आपके बयान से छत्तीसगढ़ का विकास प्रभावित होगा। वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने एक बयान जारी कर कहा है कि दिल्ली में विकास की बात करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ लौट कर जिस प्रकार ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर चर्चा कर और इस आग में पानी डाल कर धुँए का गुबार छोड़ा है उससे स्पष्ट है कि कांग्रेस में अंतर्कलह और कुर्सी की लड़ाई अभी थमी नहीं हैं। कौशिक ने कहा कि कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया द्वारा ढाई-ढाई साल के विषय में चर्चा नहीं होने की बात ही इस बात को प्रमाणित करती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के कथित ढाई-ढाई वर्ष के बंटवारे तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के बीच तल्खी और आरोप प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ नई दिल्ली में बैठक की थी।
बैठक के बाद कांग्रेस के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पीएल पुनिया ने इस बात से इनकार किया था कि इस बैठक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा हुई है। उन्होंने कहा था कि बैठक में छत्तीसगढ़ के सभी संभागों के विकास पर चर्चा हुई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह बैठक दोनों नेताओं के बीच सुलह की कोशिश के तहत बुलाई गई थी और मुख्य रूप से इसी पर केंद्रित भी थी तथा कांग्रेस आलाकमान की तरफ से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया। छत्तीसगढ़ पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री बघेल के बयान जो मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे हैं वह राज्य में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल के लिए साझा करने पर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।