देहरादून। जंगली मशरूम खाने से बीमार चल रहे शुक्री गांव के एक ही परिवार के तीन लोगों ने एम्स ऋषिकेश में दम तोड़ दिया। दादा, दादी और पोती की मौत से शुक्री गांव में मातम पसरा हुआ है। प्रतापनगर क्षेत्र में जंगली मशरूम खाने से मौत की यह दूसरी घटना है। इससे पहले खोलगढ़ गांव में पिता और पुत्री की मौत हो गई थी।
ओण पट्टी के शुक्री गांव निवासी सुंदरलाल सेमवाल (62) उनकी पत्नी विमला देवी (60) और पोती सलोनी उर्फ किरन (11) ने 14 अगस्त रात को जंगलीे मशरूम की सब्जी खाई थी। सलोनी की मां ममता ने किसी वजह से यह सब्जी नहीं खाई थी। रात को ही तीनों लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। 15 अगस्त की सुबह को उन्होंने एक निजी डॉक्टर से दवा ली, लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। इस पर गांव के लोगों ने तीनों को 16 अगस्त को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया। ग्राम प्रधान सोदन कुडि ने बताया कि सलोनी ने 19 अगस्त की रात और उसके दादा सुंदर लाल सेमवाल तथा दादी विमला देवी ने शुक्रवार रात इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सुंदर लाल सेमवाल का बेटा सुरेश पंजाब में एक होटल में नौकरी करता है। वह शुक्रवार रात ऋषिकेश पहुंच गया था। शनिवार को तीनों का ऋषिकेश स्थित पूर्णानंद घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले सात अगस्त को जंगली मशरूम की सब्जी खाने से खोलगढ़ निवासी टैक्सी चालक चमन सिंह (47) और उनकी बेटी आशा (13) की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। प्रतापनगर विधायक विजय पंवार, पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी, ब्लॉक प्रमुख प्रदीप चंद रमोला, नगर पंचायत अध्यक्ष भरोसी देवी, प्रधान चंदशेखर पैन्यूली, व्यापार मंडलध्यक्ष युद्धवीर सिंह राणा, भाजपा जिला महामंत्री भान सिंह नेगी, बीडीसी सदस्य धीरेंद्र महर, पुरुषोत्तम पंवार ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।