शिव-कैलाश की नजदीकियों से अटकलों का बाजार गर्म

Prashan Paheli

भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा में बढ़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। हाल ही में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा परिसर में भुट्टा पार्टी का आयोजन किया था। इस दौरान शिवराज सिंह चैहान समेत तमाम मंत्री, विधायक और विपक्ष के नेता शामिल हुए थे। दो साल के अंतराल के बाद आयोजित की गई भुट्टा पार्टी में कैलाश विजयवर्गीय और शिवराज सिंह चैहान ने हाथ पकड़कर ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे‘ और ‘हमें तुमसे प्यार कितना‘ गाना गाया था।
एक साथ गाना गाते हुए दोनों नेताओं का जब वीडियो सामने आया तो कहा जा रहा था कि दोनों के बीच के मतभेद समाप्त हो चुके हैं। हालांकि राजनीतिक गलियारों में कुछ और ही चर्चा है। भाजपा ने कैलाश विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल का चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा था लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद उनकी मध्य प्रदेश में वापसी हो चुकी है।
कैलाश विजयवर्गीय की मध्य प्रदेश में हुई वापसी प्रदेश में बड़े बदलाव के संकेत दे रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने से और केंद्रीय नेतृत्व के समर्थन की कमी के बावजूद शिवराज सिंह चैहान की सत्ता में वापसी हुई थी। शिवराज को सिंधिया का सहारा मिल गया और प्रदेश भाजपा में दोनों नेताओं का दबदबा भी बढ़ा। इतिहास में झांकें तो 1990 में राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत करने वाले शिवराज और कैलाश दोनों ही प्रतिद्वंद्वी रहे हैं।
भाजपा नेता अमित शाह के खास आदमी माने जाने वाले कैलाश ने शिवराज के कार्यकाल में कई मंत्रालयों को संभाला है। हालांकि शिवराज के दूसरे कार्यकाल के दौरान जब दोनों नेताओं के बीच दरार बढ़ी तो कैलाश को केंद्र में बुलाया गया और हरियाणा का प्रभारी बना दिया गया था। बाद में उन्हें बंगाल भेज दिया गया। लेकिन हार के बाद उनकी मध्य प्रदेश में वापसी से राजनीतिक फेरबदल के संकेत मिलने लगे हैं।
शिवराज विरोधी गुट का हिस्सा माने जाने वाले कई नेताओं और विधायकों के साथ कैलाश विजयवर्गीय ने बंद दरवाजे के भीतर कई बैठकें कीं, जिसके बाद से अटकलों का बाजार गर्म हो गया। इनमें मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रह्लाद सिंह पटेल शामिल थे। हालांकि कैलाश विजयवर्गीय ने इस तरह की अटकलों को खारिज कर दिया। वहीं नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा था कि शिवराज के नेतृत्व में ही प्रदेश चलेगा।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भुट्टा पार्टी में गाए गए गाने के जरिए कैलाश विजयवर्गीय दूरियों को पाटने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इस गीत के बारे में कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर बताया था कि भाजपा की युवा शाखा में दोनों इस गीत को गाया करते थे।

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