नई दिल्ली। जब से पंजाब कांग्रेस प्रमुख की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को दी गई है वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आर-पार के मूड में है। यही कारण है कि सिद्धू बिना नाम लिए अमरिंदर सरकार पर निशाना साध ही रहे हैं। साथ ही साथ अमरिंदर विरोधी नेताओं को भी बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं। यही कारण है कि वर्तमान में देखें तो सिद्धू ने एक ऐसी नियुक्ति की है जिससे कि अमरिंदर सिंह और नाराज हो सकते हैं। दरअसल, सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस संगठन का महासचिव जालंधर के विधायक परगट सिंह को बनाया है। खुद सिद्धू ने इस बात को ट्वीट कर कहा है इस नियुक्ति के साथ ही अब पंजाब कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन हो सकता है।
हालांकि, माना जा रहा है कि परगट सिंह की नियुक्ति को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह नाराज हो सकते हैं। पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान परगट सिंह सिद्धू के काफी करीबी माने जाते हैं जबकि कैप्टन के विरोधी हैं। सिद्धू ने इस नियुक्ति को लेकर एक पत्र जारी किया जिसमें लिखा था कि राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत की स्वीकृति के बाद परगट सिंह को तत्काल प्रभाव से पंजाब कांग्रेस कमेटी का महासचिव संगठन नियुक्त किया जाता है।
आपको बता दें कि सिद्धू की ही तरह परगट सिंह भी लगातार कैप्टन के खिलाफ हमलावर रहे हैं। परगट सिंह ने तो यह तक दावा कर दिया है कि 2022 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में होने वाली विधानसभा चुनाव कांग्रेस नहीं जीत पाएगी। आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने परगट सिंह के साथ दोस्ती निभाते हुए उन्हें यह पद दिया है। दरअसल, जब 2017 में जब सिद्धू ने भाजपा छोड़ने के बाद आवाज-ए- पंजाब मोर्चा बनाया था तब भी परगट सिंह में सिद्धू का साथ दिया था।