मुंबई। कांग्रेस के समर्थन से सरकार चला रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा फैसला लेते हुए तय किया है कि राज्य में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर आईटी पुरस्कार स्थापित किया जायेगा। हम आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का नाम देश के शीर्ष खेल पुरस्कार खेल रत्न से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद, महाराष्ट्र सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है। राज्य सरकार ने समाज की मदद करने वाले सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संगठनों को सम्मानित करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर पुरस्कार की स्थापना की। महाराष्ट्र के आईटी राज्यमंत्री सतेज पाटिल ने इस आशय की घोषणा की।
महाराष्ट्र सरकार के एक आदेश में कहा गया है कि यह पुरस्कार 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय राजीव गांधी के भारत में आईटी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने में योगदान को सम्मानित करने के लिए है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह पुरस्कार हर साल दिवंगत कांग्रेस नेता की जयंती 20 अगस्त को प्रदान किया जाएगा, लेकिन इस साल प्राप्तकर्ता का चयन 30 अक्टूबर तक किया जाएगा। इस पुरस्कार के लिए संगठनों के चयन के लिए रूपरेखा तय करने के लिए महाराष्ट्र सूचना और प्रौद्योगिकी निगम नोडल एजेंसी होगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था।
कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस को खुश करने के लिए इस पुरस्कार की स्थापना की गयी है। राहुल गांधी ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह जल्द ही महाराष्ट्र का दौरा करेंगे उससे पहले यह फैसला लिया जाना अपने आप में बड़ा राजनीतिक संकेत भी है। कुछ समय से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बयानों के चलते राज्य की गठबंधन सरकार में उठापटक देखने को मिल रही थी लेकिन इस फैसले के जरिये शिवसेना ने कांग्रेस के करीब होने का संदेश दिया है। गौरतलब है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते हॉकी के दिग्गज ध्यानचंद की याद में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार‘ कर दिया था।