देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल बिना वेतन के दीपावली मनाने वाली आंगनबाड़ी कर्मचारियों के साथ ही बाल विकास विभाग से निष्कासित किए गए आउट सोर्स कर्मचारियों की तत्काल उपनल से बहाली और मानदेय भुगतान की मांग की है।
उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि यदि तत्काल सरकार इस पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं करती है तो उत्तराखंड क्रांति दल इनके आंदोलन को समर्थन देते हुए सड़कों पर उतरने मे पीछे नही रहेगा। उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि सरकार की इससे बड़ी बेशर्मी और क्या हो सकती है कि आंगनबाड़ी बहनों की दीपावली इस बार फीकी रही। मात्र घ्3750 के अल्प मानदेय पर जी तोड़ मेहनत करने वाली आंगनबाड़ी सहायिका बहनों को इस बार दीपावली का वेतन नहीं मिला। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का वेतन 7500 है लेकिन इन्हें भी अभी तक मानदेय नहीं मिला है। गौरतलब है कि दीपावली पर सरकारी कर्मचारियों को उनका रुका हुआ वेतन तो जारी हुआ ही है बल्कि उन्हें बोनस भी मिला है, लेकिन आंगनवाड़ी बहनों के हाथ खाली हैं। उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि बाल विकास से हटाए गए 380 कर्मियों की दिवाली भी मायूस रही, न पैसा मिला न नौकरी…नेताओं और अधिकारियों के बीच बेरोजगार पिस रहे हैं। महिला सशक्तिकरण एवं बल विकास से हटाए गए करीब 380 कर्मचारियों की बहाली पर 2 महिने बाद भी असमंजस बना हुआ है। बीते 2 महीने से हटाए गए बाल विकास के कर्मियों के ऊपर किसी का ध्यान नही है।
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि कुछ समय पहले आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने आंदोलन किया था तब सरकार ने इनका मानदेय बढ़ाने का आश्वासन देते हुए हड़ताल खत्म करा दी थी लेकिन सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में वन स्टॉप सेंटर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार बने है। इन सेंटर को 24 घंटे के लिए भी खाली नहीं छोड़ा जा सकता है। ये एक तरह से थाने की तरह संचालित होते हैं, लेकिन इनमें 2 महीने से कोई कर्मचारी तैनात नहीं है। यह सरासर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है और सरकार की बड़ी लापरवाही है। मात्र टिहरी और ऊधमसिंहनगर जिले में इन कर्मचारियों की नियुक्ति विभागीय संविदा पर हुई है लेकिन अब सरकार इनको भी आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती करने पर तुली हुई है। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एपी जुयाल ने बताया कि विभिन्न जिलों में आंगनबाड़ी और आउटसोर्सिंग पर तैनात महिला कर्मियों के साथ अभद्रता और शोषण की शिकायतें बढ़ती जा रही है किंतु सरकार इस ओर जरा भी गंभीर नहीं है। पहले भी यूकेडी ने इनके आंदोलन को समर्थन दिया था और अब भी इनके साथ खड़ा रहेगा। महिला कल्याण बाल विकास के आउटसोर्स कर्मचारियों करीब 6 माह का मानदेय नहीं दिए गया है,और साथ ही नॉकारी से भी निकाल दिया गया है।
प्रदेश भर में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास में केंद्र और राज्य सरकार की योजनों को साकार बनाने के लिए आउटसोर्स एजेंसी के जरिए 380 कर्मचारी तैनात हैं। एजेंसी और विभाग के बीच विवाद के कारण, एजेंसी ने मई से कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया है। अब 15 सितंबर से एजेंसी का अनुबंध भी समाप्त हो गया है। इस कारण कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त हो गई हैं। जिसके बाद अब ये 380 कर्मचारी बेरोजगार हैं।