चमोली। पर्वतीय क्षेत्रों में जो लोग काश्तकारी को घाटे का सौदा समझते है उनके लिए काश्तकार देवेन्द्र नेगी एक मिसाल पेश कर रहे है। वैज्ञानिक तरीके से फल एवं सब्जियों के उत्पादन से जुड़े काश्तकार श्री नेगी हर साल 3.50 लाख से अधिक की आमदनी कर रहे है।
मोली जिले के नौली गांव निवासी काश्तकार देवेन्द्र सिंह नेगी बताते है कि स्नाकोत्तर की पढाई करने के पश्चात् वे मुम्बई चले गये थे और शेयर बाजार में नौकरी कर रहे थे। लेकिन उनका मन नौकरी से हटकर कुछ अलग करने के लिए उत्सुक रहता था इसलिए वे अपने घर वापस आ गये और परिवार के साथ खेती करने लगे। फिर एक दिन उन्हें उद्यान विभाग के माध्यम से सब्जी एवं फलोत्पादन को बढावा देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। उद्यान विभाग के माध्यम से आतमा योजना के तहत इन्हे अन्तर्राज्यीय कृषक भ्रमण में सोलन व नौनी भ्रमण का मौका मिला। इसके बाद भारतीय कृषि अनुसंन्धान संस्थान नई दिल्ली पूसा इस्टीट्यूट में प्रशिक्षण का मौका मिला। जहां पर वैज्ञानिकों के द्वारा सब्जी एवं फलोत्पादन के बारे में अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां एवं वैज्ञानिक तरीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।
इसके बाद उद्यान विभाग के सहयोग से एचएमएनईएच योजनान्र्तगत राजसहायता पर 200 वर्ग मी0 पालीहाउस लगाकर सब्जी उत्पादन शुरू किया। देवेन्द्र नेगी बताते है कि पहले मात्र 15 से 20 हजार तक सालाना कमाई होती थी परंतु अब वैज्ञानिक विधि से सब्जी उत्पादन से 3.50 लाख से अधिक आय प्रतिवर्ष हो रही है। इनके द्वारा अभी शिमलामिर्च, आलू, कद्दू, मटर, खीरा, बन्दगोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, टमाटर, बैगन, मूली, प्याज, धनियां आदि सभी प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर बाजार में आपूर्ति की जा रही है।
उद्यान विभाग द्वारा इन्हें सिंचाई हेतु स्प्रिकलर और ड्रिप सिंचाई की नई टैक्नाॅलोजी भी उपलब्ध कराई गई है। साथ ही वर्ष 2019-20 में मिशन योजना से 104 कीवी फलपौध तथा जंगली जानवरों से हो रहे फसलों की सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा चैन लिक्ड फैन्सिग उपलब्ध कराई गई। इसके अतिरिक्त एण्टी हेलनेट एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की गई है। पाॅलीथीन बदलाव योजनान्तर्गत विभाग द्वारा 300 वर्ग मीटर पाॅलीथीन 75 प्रतिशत राजसहायता पर उपलब्ध करायी गई। पलायन के इस दौर में श्री नेगी फल और सब्जी उत्पादन से अच्छी आमदनी मिलने से बेहद खुश है और अपनें क्षेत्रान्तर्गत युवाओं एवं अन्य काश्तकारों के लिए भी प्रेरणास्रोत बने हुए है।