इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई। इस मामले में खान पर सत्ता में रहने के दौरान उन महंगे उपहारों को बेचकर लाभ हासिल करने का आरोप था, जिसे उन्होंने सरकारी भंडार (तोशाखाना) से हासिल किया था।
तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद खान को गिरफ्तार कर लिया गया। इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने खान पर 1,00,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने साथ ही कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें छह महीने अतिरिक्त जेल में रहना होगा। खान (70) को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराया गया।
यह मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर दायर किया गया था, जिसने पहले उन्हें उसी मामले में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए तोशाखाना मामले की विचारणीयता को बरकरार रखने के सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने के एक दिन बाद यह फैसला आया।
ईसीपी ने 21 अक्टूबर, 2022 को खान को ‘‘झूठे बयान और गलत जानकारी’’ देने के आरोप में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के अंतर्गत एक विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों और सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है। खान ने तोशाखाना से कुछ उपहार खरीदे, जिनमें एक कीमती घड़ी भी शामिल थी, और उसे लाभ कमाने के लिए बेच दिया।
इमरान खान की याचिका खारिजपाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की वह याचिका खारिज कर दी जिसे भ्रष्टाचार के एक मामले (तोशाखाना मामला) में सुनवाई के खिलाफ दायर किया गया था। इमरान पर आरोप है कि उन्होंने उन तोहफों का विवरण छिपाया जिसे उन्होंने सरकारी भंडार (तोशाखाना) से हासिल किया था। तोशाखाना मामले में याचिका खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध करने वाली अर्जी पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में सुनवाई चल रही थी।