देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ व साइबर पुलिस ने संयुक्त अभियान के तहत हेलीकॉप्टर सेवा फर्जी वेबसाइट और बीमा पॉलिसी से जुड़े दो राष्ट्रीय घोटालों सहित कई मामलों का पर्दाफाश किया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों के बाद सूबे के डीजीपी अशोक कुमार ने साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने वालो पर सख्त कार्यवाही कर एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश थे। इस प्रक्रिया में उत्तराखंड साइबर विंग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ की पर्यवेक्षण में काम कर रहा है। उत्तराखंड एसटीएफ ने हाल ही में दो राष्ट्रीय घोटालों, बीमा धोखाधड़ी और फर्जी हेलीकॉप्टर वेबसाइट घोटालों का पर्दाफाश किया है।
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार एसटीएफ टीम ने एक राष्ट्रीय बीमा घोटाले का पर्दाफाश किया है जो पिछले 6-7 वर्षों से गाजियाबाद, नोएडा से चल रहा था। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने पिछले महीने दिल्ली से 1 मास्टरमाइंड अजीत राठी को गिरफ्तार किया है जो दिल्ली एनसीआर से पिछले 6-7 साल से ऑल इंडिया इंश्योरेंस धोखाधड़ी चला रहा था।
आरोपियो के खिलाफ कई राज्यों में लगभग 1400 शिकायते सामने आयी है। गैंग पूरे भारत में बीमा पॉलिसी इमी, प्रीमियम, मनी रिकवरी आदि के नाम पर लोगों को ठगने में शामिल है। इसी तरह एसटीएफ द्वारा फर्जी हेली सेवा के नाम पर ठगी करने वाले तीन लोगों को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। जिनकी गिरफ्तारी से पहले 30 अलगकृअलग शिकायतों का तकनीकी विश्लेषण किया गया। जिनके खिलाफ कई राज्यों में लगभग 6100 शिकायतें और 280 मुकदमें दर्ज है। इन घोटालों का पर्दाफाश करने के साथ ही उत्तराखंड पुलिस महिला और बाल सुरक्षा को लेकर भी प्रतिबद्ध है। जिसके चलते उत्तराखंड पुलिस अपने ऐप के माध्यम से गौरा शक्ति सुविधा प्रदान कर रही है जहां 1.2 लाख से अधिक महिलाओं ने अपना पंजीकरण कराया है।
पुलिस का साइबर टिपलाइन बाल यौन शोषण के मामलों के लिए एक रिपोर्टिंग तंत्र है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप में बच्चों को यौन कृत्य या आचरण में चित्रित करने वाली सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना शामिल है। उत्तराखंड पुलिस प्रवर्तन (केस पंजीकरण, गिरफ्तारी) और शिक्षा (साइबर, यातायात, नशीली दवाओं, महिलाओं ध् बच्चों से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता) के लिए प्रतिबद्ध है।