धर्म-संस्कृतिः हिन्दू धर्म में कई वृक्षों को पवित्र माना जाता है, जिसमें पीपल के पेड़ को बहुत ही पूजनीय स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर सभी देवी-देवताओं का वास होता है। पीपल के पेड़ का वर्णन भगवान कृष्ण की गीता में भी मिलता है। कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष से 24 घंटे ऑक्सीजन मिलती है लेकिन फिर भी इसे लोग अपने घर और आंगन में नहीं लगाते हैं। इस वृक्ष को लेकर अंधविश्वास है कि पीपल के पेड़ पर भूत रहते हैं। यहां हम आपको बताने वाले हैं कुछ महत्व जिनके कारण पीपल के पेड़ को घर में नहीं लगाया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीपल के पेड़ की छाया पड़ना अशुभ
घर में पीपल के पेड़ होना या पीपल के पेड़ की छाया पड़ना अशुभ होता है। इससे घर परिवार के सदस्यों की तरक्की में बाधा आती है और घर पर आर्थिक संकट आ सकता है। ऐसे में यदि आपके घर में भी पीपल का पेड़ उग गया है तो रविवार के दिन आप पीपल के पेड़ की पूजा करके उसे कटवा सकते हैं।
पीपल का पेड़ क्यों नहीं लगाना चाहिए
पीपल का पौधा कुछ ही सालों में एक विशालकाय पेड़ बन जाता है और इसकी जड़ें बहुत दूरी तक फैल जाती हैं। पीपल का पेड़ अगर घर में लगाया जाएगा तो इसकी जड़ें घर की नींव को कमजोर कर सकती हैं। जिससे घर की बुनियाद हिल सकती है। यही कारण है कि इस पेड़ को घर में नहीं लगाया जाता है। हालांकि, आजकल के समय में पीपल के पेड़ का बोनसाई लोग अपने घर में लगाने लगे हैं। पीपल का पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन देता है, ऐसे में कहा जाता है कि जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन शरीर को मिलती है तो भी नुकसान दायक साबित होता है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ को बढ़ते रहने देना चाहिए। ऐसे में अगर इसे घर में लगाएंगे तो इसकी शाखाएं हर तरफ फैल जाएंगी।
वास्तु के अनुसार, अगर पीपल के पेड़ की छाया अगर घर पर एक निश्चित दिशा की तरफ से पड़ रही है तो इससे छायाभेद उत्पन्न हो सकता है। जो परिवार की उन्नति में बाधा पैदा कर सकता है। ऐसी मान्यता है कि अगर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक पीपल के पेड़ की छाया मकान पर पड़ती है तो यह नुकसान दायक होती है। इससे उन्नति रुक सकती है।