जीवन में उतारे परशुराम जी के ये विचार
धर्म: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान विष्णु के 6वें अवतार परशुराम जी का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है कि परशुराम जी का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था।उनके पिता जमदग्नि तथा माता रेणुका थीं. परशुराम जी अस्त्र और शस्त्र में निपुण थे।
ऐसा माना जाता है कि उन्होंने क्षत्रिय वंश की बढ़ती दमनकारी नीति से परेशान होकर पूरे पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन किया था. ऋषि-मुनियों को धरती का कार्यभार सौंपकर तपस्या करने लगे गए। आज परशुराम जयंती पर आपको उनके कुछ अनमोल विचार बताएंगे जिससे आप जीवन में लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
परशुराम जी के ये 10 विचार आपका जीवन बदल देंगे
1. दुनिया को हिला देने की शक्ति
इंसान के अंदर ही होती है
एक बार परशुराम बनने की देरी है
क्योंकि एक परशुराम हर किसी के अंदर होता है।
2. परिस्थिति, वातावरण कैसा भी हो
उस समय परशुराम बन आप विजय पा सकते हैं।
3. उड़ने में बुराई नहीं है, आप भी उड़े
लेकिन उतना ही जहां से जमीन
साफ दिखाई देती है।
4. वो सर कहीं नहीं झुकते, जो भगवान
परशुराम के सामने सिर झुकाते हैं।
5. जीवन में कभी किसी को दुख मत दो
लेकिन अगर कोई सताए तो बर्दाश्त भी मत करो
6. इंसान को कभी हिंसा नहीं करनी चाहिए
लेकिन अगर बात आपकी जान पर आए
तो अस्त्र ना उठाना कायरता कहलाती है।
परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
7. शांत हैं तो श्रीराम हैं, रुद्र हों तो महादेव हैं
वो ही जग का कल्याण हैं, भड़क गए तो परशुराम हैं
8. जीवन में असफलता आना जरूरी है
जीवन में गुस्सा आना भी जरूरी है
शांत रहकर जग जीत सकते हो लेकिन
अक्रामक होकर भी शांत रहना जरूरी है
9. किसी के साथ कभी अत्याचार मत करो
कोई तुम्हारे साथ करे तो भी मत सहो
उठा लो शस्त्र अपनी रक्षा के लिए
किसी को बुरा लगे ऐसी बात भी मत कहो
10. ब्राह्मण बदलते हैं तो नतीजे बदलते हैं
सारे मंजर, सारे अंजाम बदलते है
कौन कहता है परशुराम फिर नहीं पैदा होते
पैदो होते ही लोगों के नाम बदलते हैं।