बागेश्वर: कोतवाली अंतर्गत जोशीगांव घिरौली गांव में एक मकान में तीन बच्चों समेत महिला का शव मिलने से सनसनी फैल गई है। गुरूवार की देर शाम पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस टीम घटनास्थल को रवाना हो गई है। मृत मिली महिला के पति का कोई पता नहीं चलने से घटना में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
गुरूवार की शाम घिरौली जोशीगांव के कुछ युवक गांव से अलग मकान की ओर पानी की लाइन सही करने पहुंचे तो उन्हें वहां भीषण दुर्गंध का अहसास हुआ। उन्होंने मकान मालिक गोविंद बिष्ट को इसकी सूचना दी, जो देहरादून रहते हैं तो उन्होंने कोतवाल कैलाश नेगी को फोन पर इसकी जानकारी दी। जिस पर कोतवाल कैलाश नेगी दलबल के साथ वहां पहुंचे तथा कमरे में गए तो वहां तीन बच्चों व एक महिला का शव पड़ा मिला। जिस पर पुलिस ने उन्हें कब्जे में ले लिया तथा ग्रामीणों से पूछताछ की। फिलहाल, घटना के कारणों का कोई पता नहीं लग सका है।ग्रामीणों के अनुसार जिस मकान में यह घटना हुई है वह गांव से कुछ अलग है जिस कारण ग्रामीण उस इलाके को कम ही जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि छलड़ी के दिन से उक्त परिवार के कोई सदस्य नहीं दिखाई दिए तथा गुरूवार को शव मिलने से अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना छलड़ी के दिन की हो सकती है। फिलहाल, घटना कब हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।
पुलिस के अनुसार, जिस परिवार के शव मिले हैं उसके मुखिया नरेंद्र उर्फ भूपेंद्र के खिलाफ दस मार्च को ठगी का मुकदमा दर्ज था। उक्त युवक ने नौकरी लगाने के नाम पर कुछ युवकों से धनराशि ऐंठी थी। जिस पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज था तथा पुलिस इसकी तलाश कर रही थी। जिस परिवार के चार सदस्यों के शव मिले हैं उनका मुखिया भूपेंद्र का कोई पता नहीं लग पाया है। जिस कारण अब तक यह पता नहीं लग पा रहा है कि यदि किसी बाहरी व्यक्ति ने परिवार की हत्या की है तो वह भूपेंद्र की भी हत्या करके उसे अलग से ठिकाने लगा सकता है जबकि एक अनुमान यह भी है कि उसने अपने परिवार की हत्या करके स्वयं फरार हो गया है। दोनों तरह की संभावनाएं होने के कारण पुलिस भी इस संबंध में कुछ कहने से बच रही है।