-एमओयू के तहत हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में अनुसंधान व विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा
रुड़की। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क, पुल, सुरंग परियोजनाओं की निर्माण लागत और अवधि कम करने के लिए स्वदेशी और उपयुक्त तकनीकों को विकसित करने के लिए एक विशेष पहल की है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए देश के अनुसंधान संस्थानों की दक्षता और अकादमिक क्षेत्र की विशेषज्ञता को उपयोग में लाया जा रहा है।
इस दिशा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की ने 22 जनवरी, 2021 को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। इसके तहत एमओआरटीएच प्रोफेसोरियल चेयर को जारी रखा जाएगा, जो हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में अनुसंधान व विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण पर जोर देगा। गिरिधर अरामने, सचिव (एमओआरटीएच) ने एमओयू पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। एमओयू पर महानिदेशक (सड़क विकास) एवं विशेष सचिव इंद्रेश कुमार पांडे और प्रो.मनोरंजन परिदा, उप निदेशक एवं प्रोफेसर सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की ने हस्ताक्षर किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की उच्च तकनीकी शिक्षा एवं इंजीनियरिंग तथा बुनियादी व अनुप्रयुक्त अनुसंधान में राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में अग्रणी है। अपनी स्थापना के बाद से, संस्थान ने देश में उच्च-स्तरीय तकनीकी कौशल वाले पेशेवरों को तैयार करने, तकनीकी जानकारी और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), भारत सरकार देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। दोनों संगठन आईआईटी- रूड़की में एमओआरटीएच प्रोफेसोरियल चेयर को जारी रखने के लिए सहमत हुए हैं।