एनडीएमए ने विशेषज्ञों से जोशीमठ पर सर्वेक्षण रिपोर्ट को अंतिम रूप देने को कहा

Prashan Paheli
देहरादून: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने एक बैठक में जोशीमठ में जमीन डूबने के बाद पुनर्वास और उपचार में लगे सभी विशेषज्ञों से कई विरोधाभास पाए जाने के बाद अपनी रिपोर्ट फिर से जमा करने को कहा है। बैठक मंगलवार को एनडीएमए के सदस्य सचिव कमल किशोर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों की रिपोर्ट में विरोधाभास परिलक्षित होता है। ऐसे सभी तकनीकी संस्थानों से कहा गया है कि वे अपने-अपने सर्वे के आंकड़े आपस में साझा कर रिपोर्ट को अंतिम रूप दें। केंद्र भी इस रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ आपदा पीड़ितों के लिए राहत पैकेज की घोषणा का इंतजार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, एनडीएमए ने इस काम में शामिल सभी आठ तकनीकी संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन से चार दिनों के भीतर समन्वय कर एक रिपोर्ट तैयार करें। भूमि-जलमग्नता का समाधान खोजने के लिए लगे आठ संस्थानों में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI), रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG), देहरादून, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), रुड़की, राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) शामिल हैं। हैदराबाद, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (NIH), रुड़की। आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा के मुताबिक, ‘एनडीएमए से फाइनल रिपोर्ट मिलने के बाद ही सभी पहलुओं को आगे बढ़ाया जाएगा। हाई पावर कमेटी ने विस्थापन और पुनर्वास के मुद्दे पर अपनी सिफारिश पहले ही दे दी है, जिसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
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