विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो जाएगा। सत्र के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पांच दिसंबर तक चलने वाले सत्र में कानून व्यवस्था से जुड़े अंकिता हत्याकांड और केदार भंडारी प्रकरण के अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) परीक्षा घोटाले पर हंगामा होने के आसार हैं। इन मुद्दों पर विपक्ष के तेवर तल्ख हैं। विपक्ष के संभावित हमलों का जवाब देने के लिए सत्तापक्ष ने भी रणनीति बनाई है। दोनों ही पक्षों ने विधानमंडल दल की बैठक में रणनीति को धार दी। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं से सदन की कार्यवाही को सौहार्दपूर्ण ढंग से चलाने में सहयोग की अपील की।
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में एक दिन का एजेंडा तय कर दिया गया है। सरकार पहले ही दिन अनुपूरक बजट पेश करेगी। अनुपूरक बजट के 4867 करोड़ रुपये के होने का अनुमान है। सत्र के लिए विधानसभा के पास अब तक छह विधेयक पहुंचे हैं। कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत भी उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए असरकारी विधेयक (प्राइवेट बिल) लेकर आएंगी।
अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में सदन के भीतर और बाहर हंगामा होने के आसार हैं। इस मुद्दे पर विपक्ष के तेवर काफी तल्ख दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस सवाल उठा रही है कि वह वीआईपी कौन है, जिससे अंकिता की मुलाकात कराई जानी थी। विपक्ष इसकी सीबीआई जांच चाहता है।
विपक्ष उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में हुए घोटाले की जांच को लेकर भी सवाल उठा रहा है। इस मुद्दे पर वह सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। इस मामले में भी सीबीआई जांच की मांग उठ रही है। हाईकोर्ट की डबल बैंच के फैसले के बाद विधानसभा में बैकडोर से भर्ती हुए कर्मचारियों को बेशक बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। लेकिन विपक्ष भाजपा सरकार में भर्तियों को दी गई स्वीकृति और विधानसभा में पूर्व में हुई भर्तियों के मामले में कार्रवाई न होने पर सवाल उठा सकता है। सदन में अपने क्षेत्र के मसलों का उठाना सदस्यों का अधिकार है। सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सभी सदस्यों और दलों से आग्रह किया गया है।