देहरादून: पंचकेदारों में प्रसिद्ध तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट सोमवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे शीतकाल हेतु विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ बंद हो गये है। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधिस्थ किया गया।प्रातः मंदिर में श्रद्धालुआ ने अपने इष्टदेव के दर्शन किए। प्रातः नौ बजे से कपाट बंद हेतु प्रक्रिया शुरू हूई।
इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुजन मौजूद रहे। तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली मंदिर परिसर में विराजमान हुई।मंदिर की परिक्रमा के पश्चात प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया गया। जहां पर भगवान तुंगनाथ जी की डोली का भव्घ्य स्वागत हुआ।
सोमवार को देव डोली रात्रि विश्राम चोपता में करेगी। 8 नवंबर को देव डोली बड़तोली होते हुए भनकुन पहुंचेगी और रात्रि प्रवास भनकुन में रहेगा।9 नवंबर को प्रातः देवडोली भनकुन से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंच जायेगीघ्। पूजा अर्चना के पश्चात डोली मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो जायेगी।