देहरादून: ‘स्वस्थ कल के लिए सुरक्षित भोजन आज’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के छात्रों की ओर से उत्तराखंड के ज्वार, बाजरा, मंडुआ, झंगोरा और चौलाई से 151 प्रकार के व्यंजन तैयार किए।
मंगलवार को विश्व खाद्य दिवस के मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) में कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ‘‘स्वस्थ कल के लिए सुरक्षित भोजन आज’’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम में खानपान से होने वाले खतरों को रोकना, मिलावटी चीज़ों का पता लगाना व इनके बारे में जागरूक करना और साथ ही दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
इस मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि विश्व खाद्य दिवस पर हम 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में समर्पित कर रहे हैं। इस क्रम में आईएचएम के द्वारा बाजरे के 151 व्यंजन तैयार करना बहुत ही प्रशंसनीय प्रयास है। आज के समय में जहां युवा फास्ट फूड या जंक फूड की और अधिक आकर्षित हो रहे हैं वहीं दूसरी और आईएचएम की युवा टीम के द्वारा उनका यह प्रयास उनका ध्यान ग्लूटेन मुक्त भारतीय व्यंजनों की ओर आकर्षित करना प्रशंसनीय है। हमारी प्राथमिकता नये-नये व्यंजन बनाना, एकीकरण कर व्यंजनों की दुनिया में नयी नयी स्वास्थ्यवर्धक व्यंजनों को लाना है। कुछ व्यंजन ऐसे होते हैं जिनमें हम अभिनव प्रयास से उनको बदल कर एक नयी डिस बना सकते हैं। हमारे पहाड़ों में ऐसे बहुत से व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनका स्वाद जगजाहिर है।
महाराज ने कहा कि जब से कोरोना काल का प्रकोप बढ़ा है तब से हम अपने खान पान के प्रति अधिक सजग हुए हैं कि हमें क्या खाना चाहिए, जिससे हम स्वस्थ रहें और हेल्थ तब ही सुदृढ़ रहेगी जब हम पौष्टिक आहारों का सेवन नियम से करेंगे।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि उन्होंने हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया, माननीय नागरिक उड्डयन मंत्री, भारत सरकार से देश के विभिन्न शहरों से उत्तराखंड आने वाली उड़ानों में यात्रियों के लिए उत्तराखंड के व्यंजनों को परोसने का आग्रह किया। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
मंत्री ने इस दौरान बताया कि उनकी चर्चा विभिन्न देशों के राजदूतों से हुई, जिसमें चर्चा का विषय इन देशों में रामायण का प्रमोशन करना था। इन देशों के राजदूतों ने रामायण दल द्वारा रामायण का प्रचार-प्रसार करने की बात कहीं, जो इन देशों में संगीत के जरिए रामायण कथा का प्रचार करेंगे। बैठक में ब्रुनेई, स्वीडन, लाटविया और तजाकिस्तान के राजदूत शामिल हुए।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने संस्थान के छात्रों द्वारा बनाए गए व्यंजनों का स्वाद चखा। कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए यह सराहनीय पहल है। निश्चित रूप से इस कार्यक्रम से पहाड़ी व्यंजनों को बढ़ावा मिलने के साथ किसान भाईयों को लाभ मिलेगा।
जगदीप खन्ना प्रधानाचार्य आईएचएम ने कहा कि, मुझे यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि मेरी टीम और विद्यार्थियों के अथक प्रयास व गहन शोध ने हमारे द्वारा निर्धारित 101 व्यंजन तैयार करने के न केवल लक्ष्य को पूरा किया, बल्कि इनमें और प्रयोग व प्रगतिशील विचारों को लागू कर पूरे 151 प्रकार के व्यंजन तैयार किए गये है। ऐसे सफल प्रयासों से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और वे अपनी कला प्रदर्शन करने में और अधिक स्वतंत्र हो जाते हैं।
स्वस्थ कल के लिए सुरक्षित भोजन आज’’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के छात्रों की ओर से उत्तराखंड के ज्वार, बाजरा, मंडुआ, झंगोरा और चौलाई से 151 प्रकार के व्यंजन तैयार किए।
ज्वार से रोटी, समोसा, खिचड़ी, सलाद मीठा, सलाद नमकीन, उपमा, पकोड़ा, इडली, चीला, परांठा, मुठिया, कचौरी, डोसा, पैनकेक (नारियल, चा, गुड़ से भरा हुआ), ब्रेड, सैंडविच, कैनपे, उत्तपम, खीर हलवा, लड्डू, दिमसम, चौमियां, ढोकला, काठी रोल, टैकोस, पास्ता, भरवां शिमला मिर्च, भरवां टमाटर, डोनट आदि व्यंजन तैयार किये गये।
बाजरा से रोटी, लड्डू, गुलगुले, पकरोआ, खिचड़ी, चीला, उत्तपम, बिस्किट, सलाद (गाजर), ढेबरा (गुजराती ब्रेड), हांडवो, भात आदि व्यंजन तैयार किये गये।
मंडुवा से रोटी, मफिन, ब्रेड, सैंडविच, कैनपे, गोलगप्पे, कुकीज, रस्क, सही टुकडा, मैथी, गुलगुले, नूडल्स, समोसा, पूरी, नमकीन कप केक, मांडवा डोनट, हॉटडॉग, पेस्ट्री, स्विस रोल, काठी रोल, पापड़ी, पास्ता आदि व्यंजन तैयार किये गये।
झंगोरा से खीर, सुशी, हलवा, भट्ट, इडली, कटलेट, क्रोकेट, पकोड़ा, टिक्की, डोसा, उत्तपम, दलिया, रोटी, पायसम आदि व्यंजन तैयार किये गये।
चौलाई से लड्डू हलवा, गुलाब जामुन, खीर, कटलेट, कुकीज, स्मूदी आदि व्यंजन तैयार किये गये।
छात्रों ने विभाग के एचओडी मनीष भारती के मार्गदर्शन में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। टीम के अन्य सदस्य ज्ञानेंद्र कुमार, कमलेश कुमार रॉय, हिमांशु चौहान, विवेक कुमार, राजीव कश्यप, यू.पी.एस. चम्यल, गौरव त्रिखा, सुनील पंत, अनूप सिंह पटवाल और जुबिन रॉय ने भी अपना सहयोग दिया।