देश के साढ़े छह लाख गांवों का 2024 तक बन जाएगा नक्शा : गिरिराज सिंह

Prashan Paheli

देहरादून: केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने सोमवार को कहा कि देश भर के सभी गांवों को 2024 तक नक्शा बना लिया जाएगा। प्रथम चरण में छह राज्य शामिल हैं। इनमें उत्तराखंड सबसे बड़ा राज्य होगा।

हाथीबड़कला स्थित सर्वे ऑफ इंडिया के सभाकक्ष में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज राज्य सरकार के ग्रामीण विकास भूमि संसाधन एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इसके बाद केन्द्रीय मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश को विवाद मुक्त ग्रामीण परिवेश बनाने की दिशा में केन्द्र सरकार तेजी से काम कर रही है।

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि देश के साढ़े लाख गांवों का साल 2024 तक नक्शा बना लिया जाएगा। पहले चरण का कार्य 15 अगस्त तक पूरा किया जाएगा। इनमें छह राज्य शामिल हैं छठा बड़ा राज्य उत्तराखंड है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में स्वामित्व योजना को जुलाई तक पंजीकृत डिजिटल पूरा कर लिया जाएगा। अभी मात्र 15 गांव बचे हैं। हरियाणा सहित अन्य राज्यों में काम हो चुका है। सर्वे ऑफ इंडिया,राज्य और केन्द्र तीनों मिलकर कार्य कर रही है।

उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में पंचायत केन्द्र से किसानों की मौसम की जानकारी दी जाएगी। हम जहां अमीनों से जमीन की नापी करा रहे थे। अब आने वाले दिनों में सीआरएस टेक्नोलाजी पर काम किया जा रहा है।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य के पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को सर्वे ऑफ इंडिया के सभाकक्ष में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास भूमि संसाधन एवं पंचायती राज विभागों के मंत्री,सचिव अपर सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागों द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रगति जानने के साथ-साथ आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इस दौरान मंत्री ने कहा कि पंचायतों को मजबूत करने के लिए जन सहभागिता जरूरी है। सरकार की योजनाओं की सही एवं पूर्ण जानकारी गांवों तक पहुंचाने के लिए सभी विभागों को आपस में तालमेल बैठाकर काम करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार योजनाओं की जानकारी ग्राम पंचायत स्तर पर पहुंचाने की व्यवस्था,पारदर्शिता और जन सहभागिता का होना अति आवश्यक है। उन्होंने पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायतों का स्थापना दिवस मनाया जाना चाहिए और सभी विभाग इसमें मिलकर अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें। इस प्रकार के आयोजन के माध्यम से कौन-कौन सी योजनाएं आम जनता के लिए चलाई जा रही हैं, उसका लाभ किस प्रकार से उठाया जा सकता है। यह सभी जानकारियां उपलब्ध करवाना आवश्यक है।

बैठक के दौरान लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने पीएमजीएसवाई द्वारा निर्मित सड़कों की खराब गुणवत्ता के विषय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को बताया तो उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों के निर्माण में जन सहभागिता और पारदर्शिता होनी बहुत जरूरी है। विकास योजनाओं के विषय में पंचायत स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों, सांसदों और विधायकों से इस संबंध में दिशा निर्देश प्राप्त करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मानकों अनुरूप गुणवत्ता परखने के लिए 5 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए लैब का होना आवश्यक है। बैठक के दौरान पंचायत मंत्री सतपाल महाराज कहा कि किसानों को मौसम की जानकारी देने के लिए एक मोबाइल एप विकसित करना चाहिए जिससे कि मौसम के अनुरूप अपनी खेती की तैयारी कर सकें।

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत 9727 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में से अभी तक कुल 3189 अभ्यर्थियों को ही रोजगार दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अति शीघ्र अन्य प्रशिक्षणार्थियों को भी रोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभिन्न गांव में सफल महिलाओं स्टोरी को बनाकर उसे लोगों को सुनाएं। प्रोग्रामिंग के माध्यम से सरकार की योजनाओं को ग्रामसभा स्तर पर पहुंचाने का प्रयास करें।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बाज और बुरांश पर काम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सतत विकास लक्ष्य 2030 की प्राप्ति तभी संभव है जब हम पंचायतों को सशक्त करने के लिए आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करें। जलागम विभाग के अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए कि जो जमीन खेती के योग्य नहीं है वहां पर प्लांटेशंस की व्यवस्था हो। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट बनाकर विभाग आपस में चर्चा करें जहां पर फल युक्त वृक्ष लगाने की आवश्यकता है वहां पर फलों के वृक्ष लगाएं और जहां पर अन्य वृक्षों की जरूरत है वहां पर उनका रोपण किया जाए।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी,भारत सरकार के पंचायती राज सचिव सुनील कुमार, संयुक्त सचिव आलोक कुमार नागर,ग्रामीण विकास विभाग भारत सरकार के डी.डी.जी.गया प्रसाद,भूमि संसाधन विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव उमाकांत, प्रदेश के पंचायती राज विभाग के सचिव नितेश झा, निदेशक बंशीधर तिवारी,संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी एवं उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी आदि मौजूद थे।

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